नीतीश सरकार के सदन में विश्वासमत हासिल करते ही बिहार में पिछले 15 दिनों से जारी सियासी खेल और कयासों का एक तरह से पटाक्षेप हो गया. दरअसल सदन में होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले विपक्ष यानी महागठबंधन का दावा था कि सरकार अल्पमत में है लेकिन फ्लोर टेस्ट में विपक्ष का ये दावा गलत साबित हुआ. मालूम हो कि बिहार विधानसभा में कुल विधायको की संख्या 243 है. सदन में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है लेकिन फ्लोर टेस्ट में नीतीश सरकार ने इस संख्या से अधिक विधायकों का समर्थन पाया.
एनडीए का शुरू से ही दावा था कि उसके पास 128 विधायकों का संख्या बल मौजूद है, जिसमें बीजेपी के 78, जद-यू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय सुमित कुमार सिंह शामिल हैं जबकि कल जद-यू विधायक दल की बैठक में 5 विधायक नहीं आए थे, वहीं, बीजेपी की बैठक में 2 विधायक नही पहुंचे थे. एनडीए खेमें में वोटिंग करने वाले विधायकों में राजद के भी तीन विधायक थे. सदन में चर्चा के दौरान नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के अलावा डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी ने भी अपना पक्ष रखा.
+ There are no comments
Add yours