Patna: बिहार विधानसभा में सोमवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपना बहुमत साबित करेगी. रविवार देर रात नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर बिहार पुलिस के छापेमारी के ताजा घटनाक्रमों के बीच बीते 19 सालों से बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश सरकार के लिए यह पहला मौक़ा नजर आ रहा है कि जब सरकार के बचने या गिर जाने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
पिछले महीने के अंत में अचानक बदले राजनीतिक घटनाक्रम में बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए से हाथ मिलाने के साथ ही राज्य में ज़्यादातर सियासी दल अपने विधायकों को टूटने से बचाने में नजर आए. सरकार गठन के बाद से ही ऐसी चर्चा खूब चल रही है कि राज्य में ‘ऑपरेशन लोटस’ और ‘ऑपरेशन लालटेन’ की कोशिश जारी है. ऐसे में नीतीश सरकार के लिए सोमवार को होने वाला फ़्लोर टेस्ट काफ़ी अहम है.
सत्ता पक्ष के पास छोटा बहुमत
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में एनडीए सरकार के पास बहुत ही छोटा बहुमत है. बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन ज़रूरी है. ऐसे में सरकार के पास बीजेपी के 78 और जेडीयू के 45 विधायकों के अलावा पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के नेतृत्व वाली हम(सेकुलर) पार्टी के 4 विधायकों के अलावा एक निर्दलीय विधायक को मिलाकर कुल 128 विधायकों का ही समर्थन प्राप्त है.
कई तरह की आशंका
रविवार देर शाम हैदराबाद से लौटने के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉक्टर शकील अहमद ख़ान ने भी संकेत दिया कि फ़्लोर टेस्ट में कोई बड़ा राजनीतिक ‘खेल’ होगा और सच की जीत होगी. इसके पीछे सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के कई विधायकों की नाराज़गी भी बताई जा रही है. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार में बन रहे माहौल में कई विधायक अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर भी चिंता में हैं. ऐसे में जब एनडीए सरकार के पास आँकड़ों के लिहाज़ से बहुत छोटा बहुमत है तो विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान किसी राजनीतिक खेल से इंकार नहीं किया जा रहा है.
फ़्लोर टेस्ट से पहले बोले जीतनराम मांझी
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के विधायकों के साथ रविवार को अपने आवास पर बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने कहा, “एनडीए में हर कोई एकजुट है. आज हर कोई पीएम मोदी के नेतृत्व को बहुत सम्मानित तरह से देखता है. बीजेपी, जेडीयू और हम के सभी विधायक कल सदन में उपस्थित रहेंगे.”
बता दें कि जीतन राम मांझी ने कुछ दिन पहले मंत्री पद को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वो पाला बदल सकते हैं.बताया जा रहा है कि राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने उनसे मिलने के लिए अपना विशेष दूत भेजा था. सभी पार्टियां अपने विधायकों को एकजुट करने में जुटी हुई हैं.
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