बेंगलुरु की दुकानों के लिए ‘60% कन्नड़’ नियम की समय सीमा 2 हफ्ते और बढ़ाई गई

1 min read

New Delhi: कर्नाटक में दुकानों पर कन्नड भाषा के 60 प्रतिशत इस्तेमाल वाले आदेश पर विवाद के बीच इसके पालन की समय सीमा 2 हफ्ते और बढ़ा दी गई है. राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने आज कहा कि नियम का पालन करने की समय सीमा दो हफ्ते बढ़ा दी गई है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि कानून का पालन किया जाएगा. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “यह ध्यान में रखते हुए कि साइनेज बदलने में समय लगता है, कर्नाटक सरकार ने वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को दी गई समय सीमा को 2 हफ्ते और बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि कन्नड़ में  60% साइनेज के नियम का पालन किया जा सके.

पोस्ट में कहा गया, “यह जरूरी है कि हम अपनी मातृभाषा का पूरी तरह सम्मान करें, इसलिए हम कानून का तरीके से पालन किए जाने की उम्मीद जता रहे हैं. 2 इसकी समय सीमा बढ़ा रहे हैं और इसका कितना पालन हुआ ये अंत में देखेंगे.” बेंगलुरु में नागरिक नियमों के मुताबिक दुकानों पर साइनेज का 60 प्रतिशत हिस्सा राज्य की स्थानीय भाषा में लिखा जाना चाहिए.

लेकिन कई दुकानों में, विशेष रूप से मॉल में नियम का पालन नहीं किया गया है, जिस पर कन्नड़ समर्थक समूह भड़के हुए हैं. वह लंबे समय से दुकानों के बोर्ड पर स्थानीय भाषा की मांग कर रहे हैं.

बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका के चीफ कमिश्नर, तुषार गिरिनाथ ने चेतावनी दी थी कि अगर फरवरी के अंत तक नागरिक निकाय के अधिकार क्षेत्र के तहत वाणिज्यिक स्टोर नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई झेलनी पड़ेगी. उन्होंने कहा था कि इस कार्रवाई में जुर्माना के साथ-साथ ट्रेड लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.

सिद्धारमैया सरकार द्वारा कन्नड़ भाषा व्यापक विकास (संशोधन) विधेयक, 2024 लाने के बाद ’60 प्रतिशत कन्नड़’ साइनेज नियम पूरे राज्य में लागू होने की तैयारी की जा रही है. कानून को विधानसभा ने मंजूरी दे दी है और राज्यपाल की सहमति भी मिल गई है.

भाषा विवाद को लेकर बेंगलुरु के बाजारों में नाटकीय दृश्यों के बाद 60 प्रतिशत साइनेज नियम का ऐलान किया गया था. एक वायरल वीडियो में भाषा के मुद्दे को आगे बढ़ाने वाले संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके के नेताओं को माइक्रोफोन पर दुकानदारों को धमकी देते देखा गया.

एक नेता को यह कहते हुए सुना गया, “यह कर्नाटक है, कन्नडिगा इस राज्य का गौरव हैं. आप जाइए और अपने राज्य पर अपना गौरव दिखाइए. मारवाड़ियों, अगली बार जब आप कहेंगे कि आप कन्नड़ नहीं जानते, तो आप निशाने पर होंगे.”

बता दें कि कन्नड़ भाषा के प्रचार को पूरे राजनीतिक क्षेत्र का समर्थन मिला हुआ है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहले ही कह चुके हैं कि कर्नाटक में रहने वाले हर व्यक्ति को कन्नड़ सीखनी चाहिए.

उन्होंने अक्टूबर में कहा, “हम सभी कन्नड़ है. कर्नाटक के एकीकरण के बाद से अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग इस कन्नड़ भूमि पर बस गए हैं. इस राज्य में रहने वाले हर व्यक्ति को कन्नड़ बोलना सीखना चाहिए.”

 

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours