मात्र 50 रुपए के लिए हुई थी हत्या, गिरिडीह कोर्ट ने आरोपी को दी आजीवन कारावास की सजा

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Giridih : हत्या के आरोप में गिरिडीह के तृतीय अपर जिला व सत्र न्यायधीश सोमनाथ सिकदर की अदालत ने मंगलवार को तीन आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनायी. अपर लोक अभियोजक सुधीर कुमार और बचाव पक्ष के अधिवक्ता नजमुल अंसारी की बहस के बाद थर्ड एडीजे के कोर्ट ने शहर के भंडारीडीह के जावेद अंसारी हत्याकांड में शाकिब को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी. साथ ही जुर्माना भी लगाया. हत्याकांड के दूसरे आरोपी तौफिक को छह माह की सजा सुनायी है. मस्तान को एक साल की सजा सुनायी गयी है. बतातें चले कि दो साल पहले साल 2022 में पचंबा थाना इलाके के भंडारीडीह स्थित आजाद नगर में भंडारीडीह के जावेद अंसारी की हत्या उस वक्त कर दी गयी थी, जब वह 13 अगस्त 2022 को अपने एक दोस्त अरमान रैन के साथ मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के खुटवाढाब से मुर्हरम का अखाड़ा देखकर घर लौट रहा था. इसी दौरान देर रात घर लौटने के क्रम में मृतक जावेद और उसके दोस्त अरमान रैन के बाईक को शाकिब, तौफिक और मस्तान ने आजाद नगर के समीप रोक लिया और 50 रुपए की मांग करने लगे. इस दौरान जब जावेद ने देने से इंकार किया, तो शाकिब जावेद के साथ मारपीट करने लगा. इस दौरान जावेद और अरमान किसी तरह बाईक से कूद जान बचा कर भागने लगे. दोनों को भागते देख शाकिब ने पीछा किया. लेकिन मस्तान और तौफिक ने भागते जावेद को दौड़ा कर पकड़ा और उसके बाद तीनों ने पहले जावेद की जम कर पिटाई कर दी. जबकि शाकिब ने धारदार चाकू से जावेद पर हमला करते हुए उसकी हत्या वहीं कर दी. घटना के दूसरे दिन 14 अगस्त को मृतक के परिजनों समेत मुहल्ले वालों ने भंडारीडीह और बक्सीडीह रोड को जाम कर दिया था. जबकि मृतक जावेद की पत्नी सायरा बानो ने पचंबा थाना में तीनों के खिलाफ केस दर्ज कराया  था. हत्या का यह मामला कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के रूप में चला. जिसमें तीनों को छह दिन पहले दोषी करार दिया गया. वहीं मंगलवार को शाकिब को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी, जबकि तौफिक और मस्तान को एक साल से लेकर छह माह तक की सजा सुनायी गयी.

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