Ranchi:खेलगांव, होटवार में रविवार को मुखिया सम्मेलन का आयोजन कुछ एनजीओ की मदद से किया गया. इस दौरान अलग अलग पंचायतों से आए जनप्रतिनिधियों ने सरकार से अपील करते कहा कि ग्राम सभा को सशक्त बनाए बगैर ग्राम विकास की बात अधूरी है. विधायक, सांसदों के स्तर से जो भी योजनाएं ली जाती हैं, उसे ग्राम सभा में लाया जाए. इससे इनकी भागीदारी भी ग्राम सभा में बढेगी. इस दौरान पंचायती राज निदेशक निशा उरांव ने सरकार के स्तर से ग्राम विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। डिजिटल पंचायत योजना से मिलने वाले लाभों और अन्य पहल की भी जानकारी दी.
गांवों में ही बुनियादी सुविधाएं
निशा उरांव ने विभाग की ओर से डिजिटल पंचायत योजना के बारे में विस्तार से बताया. 132 नए पंचायत भवन तैयार किए जाने की भी चर्चा की। उनमें बिजली, पहुंच पथ के अलावा जर्जर पंचायत भवन के लिए व्यवस्था के संबंध में भी बताया.
पंचायत ज्ञान केंद्र और सुदृढ़ीकरण योजना में सीधे मुखियाओं को राशि दिए जाने, ISO सर्टिफिकेशन पायलट प्रोजेक्ट, मुखियाओं की शक्तियों के लिए पहल, क्षमता विकास के लगातार कार्यक्रम, 25 हजार वार्ड सदस्यों की ट्रेनिंग संपन्न होने सहित अन्य गतिविधियों के बारे में भी बताया। सम्मेलन में राज्य के बहुमुखी विकास में मुखियाओं की भूमिका पर चर्चा की गई.
साथ ही विभिन्न मुखिया गण द्वारा उठाये गये सवाल और सुझाव पर विभाग की ओर से निदेशक ने मार्गदर्शन करते प्रतिक्रिया भी दी। सम्मेलन में प्रमुख तौर पर निम्न मुद्दों पर चर्चा की गई-
१. विभिन्न विभागों से मुखियाओं को शक्तियों का प्रत्यायोजन
२. राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा
३. मुखिया के मानदेय, यात्रा भत्ता, पेंशन, जीवन बीमा योजना, इत्यादि
४. मुखियाओं का पंचायत कर्मी पर नियंत्रण
५. मुखिया द्वारा योजनाओं की समीक्षा
६. मान सम्मान तथा प्रोटोकॉल से संबंधित मुद्दे
७. ग्राम सभा की अहमियत
८. मुखियाओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के नियम
९. विभिन्न ट्रेनिंग से संबंधित जानकारी
१०. पंचायत के लिए अन्य स्रोत से राशि
११. पंचायत राज विभाग की विशेष पहल
१२. विभिन्न योजनाओं यथा मनरेगा, अबुआ आवास इत्यादि पर चर्चा
१३. विस्थापित पंचायत
१४. मुखियाओं की जिम्मेदारी और जवाबदेही।
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