Patna : केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला किया है. कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जायेगा. 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती है. इससे ठीक एक दिन पहले यह एलान किया गया है.
कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है, वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर ने दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है. यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करता है, बल्कि हमें एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है.
कौन थे कर्पूरी ठाकुर
कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर जिले के पितौझिया गांव में हुआ था. उन्होंने पटना से 1940 में मैट्रिक परीक्षा पास की. इसके बाद स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गये. 1942 में गांधी के असहयोग आंदोलन में भी शामिल हुए. इसके चलते उन्हें जेल में भी रहना पड़ा. कर्पूरी ठाकुर बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रहे. उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें जननायक कहा जाता है.
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