राधा गोविंद मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मोक्षदा एकादशी

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Chakradharpur: मोक्षदा एकादशी का पर्व चक्रधरपुर शहरवासियों ने शनिवार को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाई. इस अवसर पर रेलवे क्षेत्र स्थित श्री श्री राधा गोविंद मंदिर में विभिन्न क्षेत्र से दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का भारी भीड़ उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं ने उपवास करने के साथ ही विशेष पूजा अनुष्ठान और दान पुण्य किए. एकादशी के मौके पर जमशेदपुर से मंदिर प्रभु सत्य कृष्णा दास ने कहा कि यह व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित होता है. सभी एकादशी व्रत भगवान विष्णु को ही समर्पित होते हैं लेकिन उनके साथ ही साथ मां लक्ष्मी जी के भी पूजन का विधान है. उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से घर में सुख समृद्धि और शांति आती है. ऐसा मानते हैं कि इस व्रत को करने से पितरों को भी मोक्ष प्राप्त होता है. इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और उसके जीवन में खुशियां आ जाती हैं. पौराणिक कथा के अनुसार गोकुल नामक राज्य में वैखानस नामक एक राजा राज्य करता था. वह बहुत ही धार्मिक था. उसके राज्य की प्रजा बहुत सुखी थी. वह प्रजा जन का हितकारी राजा था. सभी वेदों के ज्ञानी उसके राज्य में निवास करते थे.
एक बार उस राजा ने एक स्वप्न देखा कि उसके पिताजी नर्क में बेहद कष्ट भोग रहे हैं और वे उससे नर्क से बाहर निकाल लेने की प्रार्थना कर रहे हैं. स्वप्न टूटने के बाद राजा बहुत विचलित हुआ. इसका क्या कारण है यह जानने और उसके निवारण हेतु उन्होंने सभी विद्वानों को बुलाया और इस स्वप्न के बारे में बताया. जब कोई कुछ नहीं बता सका तो उन्होंने राजा को पर्वत मुनि के आश्रम में जाने का सुझाव दिया जो कि भूत, भविष्य व वर्तमान सभी कुछ देख सकते थे. राजा उनके आश्रम जाकर यथायोग्य अभिवादन के पश्चात अपनी चिंता का कारण बताया. पर्वत मुनि ने अपने ध्यान साधना से राजा के पिता के पाप कर्मों को जान लिया. उन्होंने राजा को सब कुछ बताकर उन्हें मोक्षदा एकादशी का व्रत करने को कहा जो कि समस्त मासों में उत्तम मार्गशीष माह में पड़ता है. राजा ने तब कुटुम्ब सहित मोक्षदा एकादशी का व्रत किया. उससे प्राप्त पुण्य को पिताजी को सौंप दिया जिससे उनको नर्क से मुक्ति मिल गयी. पिता ने प्रसन्न होकर राजा को ढेरों आशीर्वाद दिए. प्रभु ने कहा कि मानव जाति को एकादशी व्रत करना चाहिए. इस मौके मंदिर के प्रमुख अधिवक्ता प्रभु आदीकांत सारंगी के अलावा काफी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद थे.

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