New Delhi: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रदेश की भजनलाल सरकार पर ‘रिमोट कंट्रोल’ वाली सरकार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आलाकमान के इशारे पर काम कर रही है. गहलोत ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री से ज्यादा ‘पावरफुल’ उपमुख्यमंत्री हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने राज्य के मुख्य सचिव पर ‘डी फेक्टो’ मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का भी आरोप लगाया.
वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य सरकार मजबूती से और समन्वय से काम कर रही है. गहलोत ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दुख इस बात का है कि आज सरकार को बने ढाई-तीन महीने हो चुके हैं, लेकिन हर घर में चर्चा हो रही है कि सरकार चल क्यों नहीं रही?
बीजेपी आलाकमान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ”मैं समझता हूं कि इसका दोष सिर्फ मुख्यमंत्री को नहीं दे सकते क्योंकि आपने रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने का फैसला कर रखा है.” गहलोत ने कहा कि यह लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव सुधांश पंत राज्य के ‘डी फेक्टो’ मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री से ज्यादा पावरफुल तो उपमुख्यमंत्री हैं. गहलोत ने राज्य के मुख्यमंत्री के लिए आवंटित सिविल लाइंस का बंगला शुक्रवार को खाली कर दिया.
वहीं केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि गहलोत शायद विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारण हताशा में ऐसी बातें कह रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत व कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच खींचतान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ”मैं पूछना चाहता हूं कि इतना काम इन दो महीने में हुआ है…क्या वह ऐसे ही हो गया? सरकार मजबूत होती है, समन्वय होता है तब जाकर विकास कार्य होते हैं. आप (गहलोत और पायलट) तो लड़ ही रहे थे ना?”
मेघवाल ने कहा,”मुझे लगता कि वह (गहलोत) हताशा में बोल रहे हैं. संविधान के तीन अंग विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में समन्वय बेहतर होता है तभी शासन अच्छा होता है. सुशासन और विकास का हमारा संकल्प है और हम उस दिशा में ही कार्य कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ”अशोक गहलोत के जमाने में सत्ता के दो केंद्र हो गए थे, काम हो नहीं रहा था और जनता परेशान थी. इसलिए जनता ने बीजेपी को वोट देकर सरकार बनाई.”
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