Varanasi: एएसआई की ओर से ज्ञानवापी परिसर के हुए सर्वेक्षण की रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए या नहीं, इसका फ़ैसला आज वाराणसी की ज़िला अदालत करेगी. हिंदू पक्ष ने अदालत से सीलबंद रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है, लेकिन मुस्लिम पक्ष का तर्क है कि इस रिपोर्ट को सार्वजनिक ना किया जाए. एएसआई ने अगस्त से शुरू हुए ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की रिपोर्ट 18 दिसंबर को ज़िला जज एके विश्वेश की अदालत को सौंपी थी.
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समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में हिंदू पक्ष के वकील एसएन चतुर्वेदी ने कहा, ”आज बहुत बड़ी सुनवाई है. ये जो पूरा मुक़दमा है ज्ञानवापी का, इसकी आज बुनियाद पड़ने जा रही है. आज सुनवाई के बाद कोर्ट को फ़ैसला लेना है कि इसे सीलबंद लिफाफे में ही स्वीकार किया जाएगा या खुली रिपोर्ट होगी.”
चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अपनी रिपोर्ट दाख़िल तो कर दी है लेकिन सीलबंद लिफाफे में, जबकि मुस्लिम पक्ष ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि इसे हिंदू पक्ष को तभी दिया जाए, जब वे शपथ पत्र देकर कहें कि इसे पब्लिक नहीं किया जाएगा. उन्होंने दावा किया, ”हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की रिपोर्ट लगाई है, जिसमें उसने साफ़ कहा था कि एएसआई की कोई भी सर्वे रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाख़िल न की जाए. इसे पब्लिक डोमेन में जाने से नहीं रोक सकते.”
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