शीतकालीन सत्र का समापन: CM ने कहा- हर वर्ग के कल्याण के लिए खींची जा रही गहरी लकीर, स्पीकर ने सदन के संचालन में सदस्यों से की जवाबदेही दिखाने की अपील

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Ranchi: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का गुरुवार को समापन हो गया. स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की. इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में राज्य सरकार के स्तर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. अबुआ आवास, सीएम रोजगार सृजन योजना, सावित्रीबाई फुले स्कीम, गुरु जी क्रेडिट कार्ड, केसीसी सहित अन्य योजनाओं का विशेष उल्लेख किया. कहा कि वर्तमान सरकार ने हर वर्ग के लिए जिस तरह से कार्य करना शुरू किया है, जिस तरह से विकास कार्यों की गाढी लकीरें खींची जा रही हैं, विपक्ष उससे बड़ा तो क्या, लकीरों को लांघ भी नहीं पाएगा. इसके साथ ही उन्होंने पिछले दो दशकों से राज्य में व्याप्त समस्याओं और इसके लिए विपक्षी दलों को दोषी ठहराया. आखिर में स्पीकर ने कहा कि सदन थ्री डी से चलता है. वाद विवाद, असहमति और निर्णय. विधानसभा सदस्यों को चाहिए कि वे सदन में सकारात्मक रवैया रखें. राजनीतिक कारणों से हो हंगामा, वाद विवाद में समय जाया ना करें. इसके कार्यपालिका भी उच्छृंखल होने लगती है. उसे जिम्मेदार बनाए रखने को पक्ष, विपक्ष सबको साथ आना चाहिए. शीतकालीन सत्र छोटा था पर ऐतिहासिक रहा. स्थानीयता से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक और कुल 5 विधेयक आए और सदन से पास हुए. सदन के सुचारू संचालन में सहयोग के लिए विधानसभा के पदाधिकारियों, कर्मियों, रांची जिला प्रशासन, पुलिसकर्मियों सहित अन्य को धन्यवाद भी दिया.

सच्चाई का सामना नहीं करना चाहता विपक्ष: सीएम

सीएम ने सदन में विपक्षी दलों के विधायकों की अनुपस्थिति और रवैये पर भी बात कही. कहा कि हमारे विपक्षियों की यही समस्या है कि वे केवल अपनी बात बोलना जानते हैं. सच्चाई सुनते नहीं. इसका सामना करना नहीं चाहते. सीएम के मुताबिक जिस प्रतिबद्धता के साथ सरकार बनी, उसमें हम ये नहीं कह सकते कि चार सालों में हर समस्या का समाधान हो गया है पर हम इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं. इन लोगों (विपक्ष) ने इस नवजात राज्य का जो हाल इतने दिनों में किया, यह सरकार उसे बचाने का काम कर रही है. यह राज्य केवल लेबर पैदा करने वाला राज्य नहीं. यह इस बात का प्रमाण है कि जिलों से पलायन होता रहा है. मुलभूत संसाधनों की कमी बड़ी वजह रही. पेट की आग ऐसी होती है जो सही, गलत सब कार्य कराती है. कोविड काल में हमने देखा कि 15-15 लाख लोग बाहर गए हैं. ताज्जुब कि आखिर 20 वर्षों में विरोधियों ने राज्य में किया क्या. सीएम के मुताबिक यह सही है कि किसी के बाहर जाने में कोई आपत्ति नहीं है. अच्छी नौकरी, दिहाड़ी, सुविधा मिले तो लोग जाते ही हैं. पर राज्य से बाहर जाने के बाद उनकी क्या दुर्दशा होती है, यह देखने को मिला. ऐसे में प्रवासी श्रमिकों के लिए मजबूत कानून बनाया. पोर्टल पर निबंधित रहने से समय समय पर उनका हालचाल पता लग रहा है. समस्या आने पर समाधान हो रहा है. उत्तराखंड में सुरंग में यहाँ के श्रमिकों के फंसे होने की खबर मिलते ही यहाँ के अधिकारी उनके लिए वहाँ जाकर मुस्तैद रहे. हवाई जहाज से श्रमिकों को लाया गया.

सीएम ने विपक्ष पर महंगाई को बढाने का आरोप लगाया. एलपीजी सिलेंडर के दाम 400 से 1200 रुपये होने का कसूरवार ठहराया. कहा कि विपक्ष झूठ बोलने और सत्ता हासिल करने में इतना झूठा है कि झूठ भी शर्मा जाए. राजस्थान में इन लोगों ने हाल में हुए चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में सिलेंडर 450 रुपये में देने की बात की पर अब सत्ता में आने पर मुकर रहे हैं. 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज पीएम मोदी की गारंटी है. यह स्थिति बन गयी है कि सरकार के भीख पर 80 करोड़ लोग हैं.

अबुआ आवास से गरीबों को आसरा

हेमंत सोरेन ने कहा कि हर व्यक्ति की बुनियादी जरूरत है- रोटी, कपड़ा और मकान. विपक्ष को पता है कि इस राज्य में मजदूरों, गरीबों की संख्या अधिक है. फिर भी 11 लाख राशन कार्ड डिलीट कर दिया था. वर्तमान सरकार ने 30 लाख अतिरिक्त गरीबों को राशन कार्ड दिया. ये लोगों को दाल रोटी तो दे नहीं रहे. महंगाई के कारण थाली से अनाज गायब हो गये हैं. पिछले दिनों गोड्डा के सुंदर पहाडी में कालाजार से कुछ लोग की मृत्यु की बात विपक्ष के एक महानुभाव ने कही. अखबार, सोशल मीडिया पर भी खूब प्रोपेगेंडा फैलाया. इनका प्रोपेगेंडा टीम काफी बड़ा है. यह बीमारी अमीरों की नहीं, गरीबों की है. ऐसे लोग जो झोंपड़ी में, टूटे फूटे घरों में रहते हैं, वे ही इससे प्रभावित होते हैं. केंद्र ने 2022 तक सबको आवास देने का भरोसा दिलाया था. सीएम के मुताबिक वे और ग्रामीण विकास मंत्री दिल्ली गये, हाथ पैर जोडे. गिरगिराए, रोए पर उन्होंने पहले तो आंकड़ों से पल्ला झाडा. फिर हमारे हिस्से का पीएम आवास का आवंटन यूपी को दे दिया. अंततोगत्वा हमने अपने लोगों को बचाने को अबुआ आवास की योजना तय की. यह पीएम आवास से बड़ा भी है, ज्यादा दामों में भी बनना है. असहाय, बेसहारा को अब इसका लाभ मिलना है. 15 हजार करोड़ रुपये का आकलन अभी किया है. हम आश्वस्त करते हैं कि जो भी इस योजना के लिए इच्छुक हैं, साल लगे, दो- चार साल लगे, सबको अबुआ आवास देंगे.

सीएम के मुताबिक केंद्र के पास 1.36 लाख करोड़ बकाया है. पहले तो यह इसे मानने को तैयार नहीं थे, अंततोगत्वा इसे माना है. यह मिल जाता तो यहाँ के पिछड़ेपन को ठीक कर पाते.

सीएम के अनुसार आज राज्य में हर किसी के लिए काम किया जा रहा. कैसे सब स्वावलम्बी बनें, आगे बढें, इसके लिए कई योजनाएं जनता को दी हैं. सबसे महत्वपूर्ण है किसान, अन्नदाता. हमने 5 लाख किसानों का लोन माफ किया. केंद्र ने तो सुखाड़ का लगभग 500 करोड़ भी नहीं दिया. विपक्ष के समय यहाँ 5 लाख किसानों को ही केसीसी मिला. हमने 21 लाख को कोरोना, सुखाड़ संकट के बावजूद दिया. ये तो किसानों को समाप्त करना चाहते हैं. काला कानून लेकर आए थे ये. किसानों ने सालभर तक इसके खिलाफ दिल्ली को अपने हौसले से घेर कर रखा. तब जाकर किसान बचे. हमलोग सबको न्याय मिले, इस पर काम कर रहे. सीएम रोजगार सृजन योजना जनता को दिया. 12417 को अबतक लाभ मिला है जिस पर 262 करोड़ खर्च हो चुके हैं. युवा इसके लिए आगे आ रहे हैं. वे अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं, बैंकों के मोहताज नहीं रहे.

सावित्रीबाई फुले योजना से 8 लाख बच्चियों को जोड़ रहे हैं. अब दो बच्चियों के बैरियर को हटाकर परिवार की सभी बेटियों को इसका लाभ दिया जायेगा. सीएम ने स्पीकर को सदन के बेहतर संचालन के लिए धन्यवाद भी दिया.

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