New Delhi: संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने पांच फसलों पर पांच साल के लिए एमएसपी देने की बात कही थी.यह प्रस्ताव केंद्र सरकार की तरफ से 18 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों के साथ बातचीत के दौरान दिया गया था. हालांकि इस प्रस्ताव पर अभी भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि सरकार ने मक्का, कपास, अरहर/तूर, मसूर और उड़द की फसल पर A2+FL+50% के फॉर्मूले पर एमएसपी देने की बात कही है, लेकिन यह असल मांगों को कमजोर करने की कोशिश है. वहीं किसानों की मांग है कि C2+50% के फॉर्मूले पर सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाएगा.
एसकेएम ने कहा कि साल 2014 में बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में फसलों को एमएसपी पर खरीदने की गारंटी दी थी, जिसे वह पूरा नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ बातचीत में सरकार ने अभी यह नहीं बताया है कि वे एमएसपी किस फॉर्मूले को लागू कर देंगे. संगठन ने कहा कि इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों की कर्ज माफी, बिजली बोर्ड के प्राइवेटाइजेशन, 60 साल के ऊपर के किसानों को दस हजार रुपये पेंशन और लखीमपुर खीरी कांड में न्याय के सवाल पर चुप्पी साध रखी है.
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