सीएए पर अरविंद केजरीवाल ने कहा- ये वोट बैंक बनाने का पूरा खेल है

1 min read

New Delhi: केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लागू करने का नोटिफिकेशन लागू कर दिया है. इसी के साथ ही अब देशभर में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है. जिसके बाद सियासत गरमाई हुई है. केंद्र सरकार के इस फैसले को आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि ये वोट बैंक बनाने का खेल है, भाजपा वोट बैंक की राजनीति कर रही है.

इसे भी पढ़ें- 

मुख्यमंत्री ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ये अपने देश हक पाकिस्तानियों को दे रहे हैं. सीएए से उत्तर पूर्व के राज्यों को ज्यादा नुकसान होगा. दूसरे देश बाहरी लोगों को आने से रोकते हैं. भाजपा चुनावी फायदे के लिए सीएए लाई है. भाजपा अपना वोट बैंक तैयार कर रही है. देश की मांग है कि सीएए को वापस लिया जाए. देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘यह सीएए क्या है? केंद्र की बीजेपी सरकार का कहना है कि अगर तीन देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक भारतीय नागरिकता लेना चाहेंगे तो उन्हें भी नागरिकता दी जाएगी. इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों को हमारे देश में लाया जाएगा. उन्हें नौकरियां दी जाएंगी और उनके लिए घर बनाए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें- 

भाजपा हमारे बच्चों को नौकरी नहीं दे सकती लेकिन वे पाकिस्तान से आए बच्चों को नौकरी देना चाहते हैं. हमारे कई लोग बेघर हैं लेकिन भाजपा पाकिस्तान से आए लोगों को यहां बसाना चाहती है. वे हमारी नौकरियां अनके बच्चों को देना चाहते हैं. वे पाकिस्तानियों को हमारे सही घरों में बसाना चाहते हैं. भारत सरकार का जो पैसा है, उसका उपयोग हमारे परिवारों और देश के विकास के लिए किया जाना चाहिए. इसका उपयोग पाकिस्तानियों को बसाने के लिए किया जाएगा.’

नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है.

नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था. 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया. 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था.

नागरिकता अधिनियम में देशीयकरण द्वारा नागरिकता का प्रावधान किया गया है. आवेदक को पिछले 12 महीनों के दौरान और पिछले 14 वर्षों में से आखिरी साल 11 महीने भारत में रहना चाहिए. कानून में छह धर्मों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) और तीन देशों (अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान) से संबंधित व्यक्तियों के लिए 11 वर्ष की जगह छह वर्ष तक का समय है.

कानून में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.

 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours