सीनियर IAS दीपक सिंह की बढ़ी मुश्किलें, एफआईआर के बाद प्रधानमंत्री से हुई शिकायत

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Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के आयुक्त दीपक सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इनकी शिकायत पीएम नरेंद्र मोदी से की गयी है. साथ ही ज्वाइंट सेक्रेटरी, राष्ट्रपति भवन, संयुक्त सचिव प्रशिक्षण विभाग दिल्ली में भी इनकी शिकायत की गयी है. हाईकोर्ट के एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने इनके खिलाफ शिकायतें की हैं.

इसमें उन्होनें कहा है कि लोकायुक्त जबलपुर में दीपक सिंह के खिलाफ भ्रष्ट्राचार का मामला दर्ज है. ऐसे में इसलिए वह महत्वपूर्ण पद पर नहीं रह सकते है, जो कि सीसीए रूल्स का उल्लंघन है, उन्हें तत्काल निलंबित किया जाएं. साथ ही फील्ड की पोस्ट से हटाया जाएं. जिसको लेकर वो अब वे न्यायालय की शरण लेने जा रहे है.

साल 2007 से 2012 के बीच वर्तमान में ग्वालियर-चंबल संभाग कमिश्नर दीपक सिंह, आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव और उप सचिव बसंत कुर्रे जबलपुर में बतौर एडीएम पदस्थ थे.

जबलपुर के कुंडम इलाके में इन्होंने आदिवासियों की जमीन को बेचने की अनुमति दी थी. जबकि मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता के अनुसार आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति कलेक्टर द्वारा ही दी जा सकती है.

इस मामले में कलेक्टर से शिकायत की गई थी. शिकायत के आधार पर मौजूदा एडीएम शेर सिंह मीणा ने जांच कर प्रतिवेदन जबलपुर लोकायुक्त को दिया था. प्रतिवेदन के आधार लोकायुक्त ने FIR दर्ज की. संभवतः ये मध्य प्रदेश का पहला ऐसा मामला है जिसमें तीन आईएएस अधिकारियों पर एक साथ एक ही तरह के मामले में लोकायुक्त ने एफआईआर दर्ज की है.

इनमें से दीपक सिंह वर्तमान में ग्वालियर – चम्बल संभाग के आयुक्त पद पर पदस्थ हैं. इसकी अब पीएम नरेंद्र मोदी से भी शिकायत की गयी है. शिकायत करने वाले एडवोकेट भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं.

 

 

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