Ranchi: मैनहर्ट घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज पीई( प्रारंभिक जांच) के आलोक में एफआईआर दर्ज नहीं होने को लेकर दायर विधायक सरयू राय की याचिका की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को हुई. मामले में कोर्ट ने मैनहर्ट कंपनी के द्वारा दाखिल हस्तक्षेप याचिका (आईए) को स्वीकार करते हुए मामले में मैनहर्ट कंपनी को प्रतिवादी बनाया है. हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने मैनहर्ट कंपनी को सरयू राय द्वारा लगाए गए आरोपों पर 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. बता दे कि पूर्व की सुनवाई में कोर्ट के आदेश के आलोक में एसीबी के एसपी सशरीर उपस्थित हुए थे. उनकी ओर से पीई की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी.
दरअसल , पूर्व की सुनवाई के दौरान प्रार्थी सरयू राय द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि दिसंबर 2020 में इस मामले को लेकर एसीबी ने पीई दर्ज की थी, लेकिन अब तक इसकी रिपोर्ट नहीं आई है. इस पर कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था. इसके आलोक में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि मामले में अभी जांच चल रही है. एसीबी की ओर से बताया गया था कि इस मामले की जांच जारी रखने के संबंध में राज्य सरकार से लीगल ओपिनियन मांगा गया है. इस पर प्रार्थी के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया था की लीगल ओपिनियन मांगे जाने का मामला सरकार के पास 1 साल से अधिक समय तक लंबित है. अगस्त 2022 में ही एसीबी ने सरकार से लीगल ओपिनियन मांगा था. लेकिन अब तक उस पर कुछ नहीं हुआ है.
यह भी बता दे कि सरयू राय ने मैनहर्ट को रांची में सीवरेज ड्रेनेज के डीपीआर का कार्य दिए जाने में 21 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था. इस मामले को उन्होंने झारखंड विधानसभा में उठाया था. जिसके बाद राज्य सरकार के निर्देश के बाद दिसंबर 2020 में एसीबी में पीई दर्ज की गई थी. लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं होने पर सरयू राय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उनकी उसे कहा गया है की ढाई साल बीतने के बाद भी मैनहर्ट घोटाला मामले में पीई में क्या आया यह अब तक पता नहीं चला है.
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