Haryana: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के किसान आंदोलन के मामले में हरियाणा सरकार पर लगाए गए आरोप पर हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने पलटवार किया है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था अगर हरियाणा सरकार किसानों को दिल्ली जाने से नहीं रोकती तो कोई मौत नहीं होती.
इस बार नायब सैनी ने कहा कि भगवंत मान किसानों को लेकर राजनीति कर रहे हैं. सीएम मान का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. इस प्रकार की घटिया राजनीति किसी को भी नहीं करनी चाहिए.
नायब सैनी ने आगे कहा कि किसानों के आंदोलन में पंजाब के बॉर्डर पर हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके जिम्मेदार पंजाब के सीएम भगवंत मान हैं और उन्हें अपनी गिरेबान में झांककर देखना चाहिए. पंजाब के मुख्यमंत्री ने जो हरियाणा पर आरोप लगाया है इस तरह की घटिया राजनीति नहीं होनी चाहिए.
मान को ये भी देखना चाहिए कि पंजाब के किसानों के लिए उन्होंने ढाई साल में क्या किया है. पंजाब में किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदते तो किसानों की ये हालत नहीं होती. ढाई साल से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है कुछ तो कदम किसानों के लिए सरकार उठाती.
किसानों के नाम पर जो घटिया राजनीति की जा रही है, इसकी जिम्मेदार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस है. कांग्रेस ने जो किया है वो किया, लेकिन आम आदमी पार्टी उससे दो कदम आगे निकल गई है. इस तरह की घटिया राजनीति किसी समाज या वर्ग पर नहीं करनी चाहिए. किसानों के लिए मजबूत कदम उठाना चाहिए था.
उन्होंने आगे कहा कि भगवंत मान यह देख लें कि पंजाब में जो किसानों की हालत है, उसकी जिम्मेदार उनकी सरकार है. हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 14 फसलों की खरीद एमएसपी पर की है. फसलों के साथ सब्जी की फसलों पर भावांतर भरपाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान हित में किसान सम्मान निधि समेत कई फैसले किए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की सुरक्षा का ख्याल रखा है. किसान सम्मान निधि दी है. देश का किसान समझता है कि वो प्रधानमंत्री की नीतियों से खुश है. पराली के धुएं के चलते जब प्रदूषण हुआ तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के किसानों को भला बुरा कहा था- केजरीवाल ने कहा था पंजाब के किसानों के पराली जलाने से प्रदूषण दिल्ली में आ रहा है.
भगवंत मान आज इस दल के मुख्यमंत्री हैं और बताएं पंजाब के किसान के हित में क्या काम किया है, जो वे पराली ना जलाएं. नायब सैनी ने कहा किसानों के साथ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार बातचीत के लिए तैयार है. इससे पहले भी कई दौर की बातचीत हो चुकी है और आगे भी तैयार है.
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