अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगा झटका, गुप्त धन मामले में ठहराए गए दोषी

New York: अमेरिकी राष्ट्रपति पद 2024 के दौड़ में शामिल डोनॉल्ड ट्रंप को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अमेरिकी अदालत ने उन्हें गुप्त धन मामले में दोषी ठहराया है. कोर्ट ने ट्रंप को सभी 34 मामलों में दोषी ठहराया है. सजा के लिए न्यायाधीश ने आगामी 11 जुलाई की तारीख तय की है. अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव भी होने हैं. उससे ठीक पहले ट्रंप को सजा होना किसी बड़े सदमे से कम नहीं है. ट्रंप को ऐसे वक्त में सजा का ऐलान होने जा रहा है, जब रिपब्लिकन की ओर से वह राष्ट्रपति पद के लिए 2024 के उम्मीदवार हैं. आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए ट्रंप अमेरिका के पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं.

बता दें कि न्यूयॉर्क की एक जूरी ने चुनाव से बमुश्किल पांच महीने पहले हुए इस बड़े घटनाक्रम में डोनाल्ड ट्रंप को गुप्त धन मामले में गुरुवार को  सभी आरोपों में दोषी ठहराया. इस तरह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति का पहला आपराधिक मुकदमा ट्रम्प द्वारा पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप कराने के लिए किए गए भुगतान को छिपाने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के 34 मामलों में से प्रत्येक में दोषी पाए जाने के साथ ही समाप्त हो गया.

दोषी ठहराए जाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति को बिना जमानत के रिहा कर दिया गया था. वह शुरू में मैनहट्टन की नीरस अदालत में कंधे झुकाए बैठे रहे. हालांकि कुछ मिनट बाद उन्होंने बाहर आकर पत्रकारों को संबोधित किया. साथ ही इस फैसले को “अपमानजनक” और “धांधली” करार दिया. ट्रंप ने कसम खाई कि “असली फैसला” 5 नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं की ओर से आएगा. इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करना लगभग तय माना जा रहा है.

कानूनी जानकारों के अनुसार इस मामले में सजा मिलने के बाद भी डोनॉल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए पात्र होंगे. न्यायाधीश जुआन मर्चन ने उन्हें जेल की सजा सुनाने के लिए 11 जुलाई की तारीख तय की है. यह फैसला मिल्वौकी में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन से ठीक पहले आया है, जहां ट्रंप को चुनाव में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन का सामना करने के लिए पार्टी का औपचारिक नामांकन प्राप्त होना था. ट्रंप पर यह फैसला आने के बाद बाइडेन के अभियान की ओर से एक बयान जारी कर कहा कि फैसले से पता चलता है कि “कानून से ऊपर कोई नहीं है.” “ट्रंप ने हमारे लोकतंत्र के लिए जो ख़तरा पैदा किया है, वह पहले कभी इतना बड़ा नहीं था.” 12-सदस्यीय जूरी ने फैसला सुनाने से पहले दो दिनों में 11 घंटे से अधिक समय तक विचार-विमर्श किया. इसके बाद महज कुछ मिनटों में ट्रंप पर यह घोषणा की.

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