जमुई (बिहार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिहार के जमुई पहुँचे और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म-जयंती वर्ष समारोह का शुभारंभ किया। जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने 150 रुपये मूल्य का चाँदी का स्मारक सिक्का और एक विशेष डाक टिकट अनावरण किया। मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें शहीद तिलकामांझी की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष और बिरसा मुंडा के जयकारे के साथ अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने बताया कि आज का दिन कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली और गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व के कारण और भी विशेष है, तथा देशवासियों को इन पर्वों की शुभकामनाएँ दीं।
प्रधानमंत्री ने एनडीए सरकार की जनजाति-केंद्रित पहलों—जैसे वनाधिकार, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और आदिवासी अनुसंधान संस्थानों—का उल्लेख करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद आदिवासी समुदाय के योगदान को लंबे समय तक उचित स्थान नहीं मिला। उन्होंने विपक्ष पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस विरासत की उपेक्षा का आरोप लगाया।
कार्यक्रम में बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू के वंशजों सहित लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने कड़िया मुंडा को भाजपा का वरिष्ठतम मार्गदर्शक बताते हुए सम्मानित किया।
इसी अवसर पर दिल्ली के सराय काले खां आईएसबीटी चौराहे का नाम बदलकर ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’ किया गया, जहाँ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिरसा मुंडा की आदमक़द प्रतिमा का अनावरण कर उनके बलिदान को नमन किया।