Giridih: दीपावली के साथ साथ प्रसिद्ध राजधनवार राजा छठ घाट तथा दीवान टोला छठ घाट की सजावट की तैयारी जोरों पर है. छठ पर्व यूं तो बिहार और फिर झारखण्ड के लिए विशेष मायने रखती है लेकिन राजधनवार में इसकी छटा कुछ अलग ही दिखाई पड़ती है. यह पर्व कार्तिक माह के शुरू होते ही प्रारंभ हो जाती है. राजधनवार ही नहीं बल्कि पूरे बाजार की साफ-सफाई शुरू हो जाती है बल्कि घरो से लेकर होटलों में भी केवल सात्विक भोजन ही दिया जाता है.
छठ घाट सजावट को लेकर बीते समय में एक बड़े राज्य की राजधानी राजधनवार रह चुकी है ओर इस राजधनवार की धरती के राजघाट जहां पर स्थानीय राजा का अपना घर है. यहीं पर छठ पूजा की शुरूआत अंग्रेजों के शासन काल के पहले ही शुरू हुई थी. आज के समय मे यह प्रसिद्ध ही नहीं कई राज्यों के लिए आकर्षक का केंद्र बिंदु बनकर खड़ा है. इस तीन दिन के मेले में कई राज्यों से लाखों लोग पहुंचते है. यहां तक कि इस मेले में कई ऐसी चीजें देखने को मिलती है जो लोगो के लिए बिल्कुल नई होती है. पूजा के अवसर पर आयोजित मेला की तैयारी को लेकर इस बार खोरीमहुआ अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार धनवार, सीओ नरेश कुमार वर्मा तथा धनवार थाना प्रभारी पीकू प्रसाद के साथ साथ स्थानीय समिति के सदस्यों ने बढ़चढ़ कर सहयोग कर नई रूप देने की तैयारी में लगे है प्रत्येक एक दो दिन में पूरे बाजार पैदल मार्च कर साफ सफाई पर विशेष निगरानी की जा रही हैं तथा मेला स्थल के स्थानों पर अलग अलग दृश्यों के लिए स्थल चयन कर मेला आकर्षक बनाने के लिए कलाकारों को जिम्मेदारी दे दिया गया है. छठ पूजा समिति के निर्देश पर काम जोर-शोर पर लगा हुआ है.
समिति के सदस्य ने बताया कि छठ पूजा लगभग 300 वर्षों से भी अधिक समय से राजा के शासन काल से ही मनाया जा रहा है . यहां की आस्था पर लोगो को पूर्ण विश्वास है. छठी माता आस्था रखने वाले हर किसी कि मनोकामना पूरी करती है.राजघाट में लगने वाले तीन दिवसीय मेले में आकर्षक सूर्य मंदिर,बतख दृश्य का पुल तथा चंद्रयान तीन आकर्षक केंद्र बिंदु होगा. राज छठ घाट को पिछले वर्ष से ओर अधिक आकर्षक बनाने के लिए कार्य प्रगति पर है ,जहाँ समिति के लोग दिन रात लगे हुए हैं.
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