Ranchi : राज्य सरकार के पदाधिकारियों को राज्य के बाहर की जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआइ इत्यादि के समन या नोटिस का जवाब देने के लिए सरकार ने एक एसओपी (दिशा-निर्देश) तैयार किया है. कैबिनेट से इसकी मंजूरी भी ली गयी है. सरकार का मानना है कि विगत कुछ समय से राज्य के बाहर की जांच एजेंसियों द्वारा राज्य सरकार के सक्षम प्राधिकार को सूचना उपलब्ध कराये बिना ही पदाधिकारियों को सीधे समन, नोटिस भेज कर उन्हें उपस्थित होने के लिए कहा जाता है. कई मामलों में सरकारी दस्तावेज, अभिलेखों की मांग भी जांच एजेंसी के द्वारा की जाती है. कुछ मामलों में अधिकारी अपने वरीय पदाधिकारी, विभागीय प्रधान के संज्ञान में लाये बिना ही सरकारी दस्तावेज, अभिलेख एजेंसी को सौंप देते हैं, जो प्रचलित नियमों के अनुकूल नहीं है. सरकार का मानना है कि इससे सरकारी कार्यालय में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. साथ-साथ सरकारी कार्य भी बाधित होता है. यह भी संभावना है कि उपलब्ध कराये गये दस्तावेज अपूर्ण हों इससे राज्य या बाहरी एजेंसी का जांच भी प्रभावित हो सकता है. ऐसे में अब बाहरी एजेंसी के समन या नोटिस के जवाब के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को नोडल विभाग बना दिया गया है. चूंकी भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए एसीबी राज्य में कार्यरत है, ऐसे में अब किसी अधिकारी को कोई समन बाहरी एजेंसी से मिलता है तो वे पहले अपने नियंत्री पदाधिकारी के माध्यम से निगरानी विभाग को अवगत करायेंगे. निगरानी विभाग कानूनी सलाह के बाद ही इस पर उक्त अधिकारी को अग्रतर कार्रवाई के लिए कहेगा. निगरानी विभाग यह बतायेगा कि कौन से दस्तावेज देने हैं.
इसे भी पढ़ें –
+ There are no comments
Add yours