New Delhi: देश के जाने-माने शायर मुनव्वर राना का रविवार देर रात लखनऊ में निधन हो गया. 71 साल के राना लंबे समय से बीमार थे और लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में उनका इलाज चल रहा था.
मुन्नवर राना की बेटी सुमैया राना ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उनके पिता का रविवार देर रात अस्पताल में निधन हो गया और सोमवार को उनका अंतिम संस्कार होगा.वहीं उनके बेटे तबरेज़ राना ने पीटीआई को बताया, ”बीमारी के कारण वो (मुनव्वर राना)14 से 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे. उन्हें पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने आज (रविवार) रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली.”
पीएम मोदी ने निधन पर जताया शोक
उनकी मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक ज़ाहिर करते हुए एक्स पर लिखा, “मुनव्वर राना जी के मरने की ख़बर से दुखी हूं, उन्होंने उर्दू साहित्य और शायरी की दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना. उनकी आत्मा को शांति मिले.”
Pained by the passing away of Shri Munawwar Rana Ji. He made rich contributions to Urdu literature and poetry. Condolences to his family and admirers. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi)
साल 2014 में मुनव्वर राना को उनकी किताब के ‘शाहदाबा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. साल 2012 में उन्हें उर्दू साहित्य में उनकी सेवाओं के लिए शहीद शोध संस्थान की ओर से माटी रतन सम्मान दिया गया था.साल 2015 में यूपी के दादरी में अखलाक की लिचिंग की घटना के बाद राना ने एक न्यूज़ चैनल पर लाइव डिबेट के दौरान अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का एलान किया था. उन्होंने देश में बढ़ रही असहिष्णुता को वजह इस फ़ैसले की जगह बतायी थी.
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