पलामू: तरहसी प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया अवैध, निर्वाचन आयोग ने किया निरस्त

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Palamu: तरहसी प्रमुख प्रिया कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया को राज्य निर्वाचन आयोग ने अवैध करार देते हुए निरस्त कर दिया है. 14 नवंबर को इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने निर्णय पारित किया. सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले पर हर्ष जताते हुए प्रमुख प्रिया कुमारी ने कहा कि असत्य पर सत्य की जीत हुई. पंचायत समिति सदस्य के पीठासीन पदाधिकारी सह मेदिनीनगर सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने किसी के प्रभाव में आकर नियम विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का निर्णय लिया था. चुनाव प्रक्रिया पूरी कराई थी, लेकिन निर्वाचन आयोग से उन्हें न्याय मिला.
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से निर्णय से संबंधित जारी किये गए पत्र में कहा गया है कि अपील वाद संख्या 03/2023 वादी प्रिया कुमारी बनाम प्रतिवादी पीठासीन पदाधिकारी तरहसी पंचायत समिति सदस्य सह अनुमंडल पदाधिकारी सदर मेदिनीनगर के मामले में सुनवाई हुई। वादी प्रमुख ने 14. 9. 2023 को उनके खिलाफ पारित अविश्वास प्रस्ताव की न्यायसंगता को 15. 9. 2023 को राज्य निर्वाचन आयोग में चुनौती दी थी. इसमें वादी द्वारा यह उल्लेख किया गया है कि 26. 7. 2023 को 5 पंचायत समिति सदस्य ने उनके पक्ष में बीडीओ को लिखित पत्र भेजा. इस संबंध में प्रतिवादी ने अपने पत्रांक 202 दिनांक 10. 11. 2023 के द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए उक्त पत्र के संदर्भ में उल्लेख किया है कि बीडीओ के कार्यालय में ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. साथ ही प्रमुख पंचायत समिति सदस्य तरहसी द्वारा अपने से त्यागपत्र देने से संबंधित कोई भी साक्ष्य वादी एवं प्रतिवादी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया. नतीजा उक्त तथ्य प्रमाणित नहीं हो सके. ऐसे में प्रमुख प्रिया कुमारी के खिलाफ पारित अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया गया.
निर्वाचन आयोग ने अपने निर्णय में कहा है कि तमाम तथ्यों को देखने के बाद स्पष्ट होता है कि पीठासीन पदाधिकारी ने विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया झारखंड पंचायत नियमावली 2012 के प्रावधानों को विधि के अधीन पालन नहीं किया. नियम के विरुद्ध 18.7. 2023 को निर्धारित बैठक को स्थगित करना और प्रपत्र क के भाग 1 में सचिव, पंचायत समिति को न प्रस्तुत कर सीधे तौर पर पीठासीन पदाधिकारी को समर्पित अविश्वास प्रस्ताव के ग्राहयता के समाधान कर दूसरी बैठक का आयोजन किया जाना नियमावली के उल्लेखित प्रावधानों के विरुद्ध है. ऐसे में समाधान को सही नहीं माना जा सकता. झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 की धारा 43 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रमुख पंचायत समिति तरहसी के विरुद्ध पीठासीन पदाधिकारी के पत्रांक 156 दिनांक 14. 9. 2023 को निरस्त किया जाता है. यह भी निर्णय लिया गया कि प्रमुख अपने पद पर बनी रहेंगी.

हाई कोर्ट जाएंगे अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पंसस

इधर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आवेदन देने वाली उदयपुर वन की पंचायत समिति सदस्य शकुंतला देवी ने कहा कि प्रशासन की संचालन प्रक्रिया में कमी रह गई. इसमें मतदाता का कोई मामला नहीं है.हाई कोर्ट में मतदाता इस सिलसिले में याचिका दाखिल करेंगे. निर्णय को चैलेंज करेंगे. उन्होंने कहा कि पंचायत समिति सदस्य मतदाताओं का अपमान हुआ है. लोकतांत्रिक प्रणाली में मतदाता का निर्णय सर्वमान्य है. जो पद पर बनाने के लिए मत देता है वही अविश्वास लाकर अपरदस्त कर सकता है. उन्होंने कहा कि प्रमुख अल्पमत में है और इससे जनहित के कार्य प्रभावित होंगे.

4 महीने तक चली यह प्रक्रिया, विकास कार्य रहा बाधित

तरहसी प्रमुख प्रिया कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित प्रक्रिया 4 महीने तक चली. इस दौरान जनहित के कार्य नहीं हो पाए. इसकी शुरुआत 3.07.2023 को हुई। 14.11. 2023 तक यह कार्रवाई चली. शुरुआत में उदयपुर वन की पंचायत समिति सदस्य शकुंतला देवी ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आवेदन दिया था. इसके आलोक में 18 जुलाई को पहला प्रपत्र ख गठित कर परिचर्चा सह मतदान की तिथि निर्धारित की गई थी. पीठासीन पदाधिकारी ने इसे स्वीकृत करते हुए 25 जुलाई को परिचर्चा सह मतदान की तिथि निर्धारित की गई थी. इस बीच प्रमुख प्रिया कुमारी द्वारा त्यागपत्र देने की बात कहने पर पुनः 11 जुलाई को आवेदन देकर 25 जुलाई तक अविश्वास प्रस्ताव पर रोक लगाने के लिए आवेदन दिया गया. जब प्रमुख द्वारा त्यागपत्र नहीं दिया गया तो पुनः 26 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव कानून लागू करने के लिए आवेदन दिया गया. पीठासीन पदाधिकारी ने बताया था कि 25 अगस्त को इस सिलसिले में निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन मांगा गया है. इसके बाद 1.9. 2023 को प्रपत्र क भाग एक के माध्यम से पीठासीन पदाधिकारी ने 4. 9. 2023 को दूसरी तिथि निर्धारित कर परिचर्चा सह मतदान की तिथि 14.9. 2023 को निर्धारित की थी.

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