भाजपा के श्वेत पत्र के खिलाफ ब्लैक पेपर लायेगी कांग्रेस

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New Delhi: मोदी सरकार अपने पिछले 10 साल के परफॉर्मेंस को लेकर श्वेत पत्र लाने जा रही है. अब कांग्रेस इसके विरोध में ब्लैक पेपर लाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे जल्द ही ‘ब्लैक पेपर’ जारी करेंगे.

कांग्रेस के इस कदम का मकसद बीजेपी के श्वेत पत्र का मुकाबला करना है. 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि सरकार संसद के दोनों सदनों में एक ‘श्वेत पत्र’ पेश करेगी और 2014 से अब तक के कामकाज को बताएगी. उन्होंने कहा कि इस कदम के पीछे एकमात्र उद्देश्य कांग्रेस राज के उन सालों के कुप्रबंधन से सबक लेना है.

अंतिम बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी. वहीं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी नेताओं पर हमला बोला. मुख्य रूप से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के निशाने पर रहे.

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खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट कर पलटवार किया. मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर पिछली यूपीए सरकारों के खिलाफ “अनगिनत झूठी बातें” कहने का आरोप लगाया और मौजूदा सरकार के समय में बेरोजगारी दर में वृद्धि, औसत जीडीपी विकास दर में गिरावट और खाली सरकारी पदों पर ध्यान केंद्रित किया.

10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद वह अपने बारे में बात करने के बजाय सिर्फ कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हैं. आज भी उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता के बारे में बात नहीं की?” उन्होंने कहा कि ‘मोदी की गारंटी’  केवल झूठ फैलाने के लिए है.

बीजेपी नेता जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार का ‘श्वेत पत्र’ देश की “खराब आर्थिक स्थिति” को उजागर करेगा और दिखाएगा कि यूपीए के सत्ता से जाने के बाद बीजेपी सरकार ने कैसे बदलाव किया.

लोकसभा में अंतरिम बजट पर बहस में हिस्सा लेने से पहले जयंत सिन्हा ने कहा कि जब 2013 में यूपीए सत्ता में थी, तब भारत वैश्विक स्तर पर ‘नाजुक पांच’ अर्थव्यवस्थाओं में से एक था. बीजेपी नेता ने कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि धीमी होकर 5 प्रतिशत पर आ गई थी, इन्फ्लेश 10 प्रतिशत तक बढ़ या था.

बैंकों का एनपीए 10 प्रतिशत तक बढ़ गया था. देश पेमेंट क्राइसिस से जूझ रहा था,  लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद इस स्थिति में बदलाव हुआ. जयंत सिन्हा ने कहा कि श्वेत पत्र में हम स्पष्ट करेंगे कि अर्थव्यवस्था की स्थिति 2014 से पहले क्या थी…और हम आर्थिक समस्याओं से कैसे निपटे हैं.

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