Ranchi: सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से अधिक से अधिक बच्चियों को लाभान्वित किया जायें. इसके लिये एक ही परिवार से दो से अधिक बच्चियों को लाभ देने की बाध्यता खत्म की जाएगी. योजना के तहत एक परिवार की सभी बच्चियों को जोड़ने की तैयारी की जायेगी. योजना की शुरूआत बच्चियों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिये की गयी है. ये बतों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को विश्व बाल दिवस के अवसर पर कहीं. इस दौरान उन्होंने यूनिसेफ के बाल पत्रकारो से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि शिक्षा और प्रतियोगिता परीक्षाओं को लेकर जिस तरह का माहौल बन रहा है. उसमें बच्चे तनाव में आ रहे है. इस तनाव के कारण कई बच्चे डिप्रेशन में भी चले जाते हैं. बच्चों को चाहिए कि वे अभिभावक और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हर मुद्दे पर खुलकर बात करें. अच्छे सहयोगी बनायें और स्वस्थ वातावरण में रहें.
पढ़ाई न छोड़े छात्र: हेमंत सोरेन ने कहा कि बच्चों और अभिभावकों को यह समझना होगा कि सरकार छात्रों को शिक्षा के लिए बेहतर राह दिखा रही है. बच्चों को बेहतर और गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इस सिलसिले में बच्चियों को सावित्रीबाई फूल किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा जा रहा है. ताकि वे पढ़ाई से जुड़ी रहें. इसके अलावा प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेज को करने के लिए भी सरकार पूरा खर्च दे रही है. अगर विदेश में उसे शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए भी शत -प्रतिशत स्कॉलरशिप देने की योजना सरकार ने शुरू की है.
इस दौरान यूनिसेफ की ओर से बताया गया कि रांची और पश्चिम सिंहभूम जिले में लगभग 10 हज़ार बाल पत्रकार है. ये सभी बाल पत्रकार विभिन्न विद्यालयों से जुड़े हुए हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी बच्चों को राज्य के बाहर के भी अच्छे बेहतर संस्थानों और अन्य संस्थाओं का चरणबद्ध तरीके से भ्रमण कराने, खेल प्रतियोगिताओं, प्रदर्शनी और मेला में ले जाने की बात कहीं. इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ कनीनिका मित्रा, कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट आस्था अलंग समेत अन्य लोग मौजूद रहे.
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