Ranchi: शनिवार को अरगोड़ा स्थित कैम्प कार्यालय में एमएसीपी संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई. इसमें 19 दिसम्बर को विधानसभा का सांकेतिक घेराव करने संबंधी कार्यक्रम की समीक्षा की गई. इसमें तीनों संवर्ग के शिक्षक प्रतिनिधि अमीन अहमद, गंगा प्रसाद यादव,नरेंद्र कुमार यादव, आशुतोष कुमार ,विजय कुमार सिंह, अरुण कुमार दास सहित कई शिक्षक प्रतिनिधि भी मौजूद थे. बैठक की अध्यक्षता मोर्चा के संयोजक अमरनाथ झा ने की. इसमें फैसला लिया गया कि 18 दिसम्बर को राज्य के सभी विधायकों को धरना स्थल पर आने हेतु आग्रह पत्र दिया जायेगा. राज्य के तीनों संवर्ग प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को अधिक से अधिक संख्या में आने के लिए अपील किया जाएगा. बैठक के दौरान धरना स्थल की तैयारी हेतु व्यवस्था प्रभारी भी बनाये गये.
एमएसीपी के मीडिया प्रभारी अरुण दास के मुताबिक प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों का 1993 से ही प्रोन्नति लंबित है.प्रारंभिक शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 1993 एवं माध्यमिक शिक्षक नियमावली 1994 में अनेक किन्तु परन्तु रहने के कारण हो रहे कठिनाई को देखते हुए पूर्ववर्ती राज्य बिहार ने क्रमशः 2011 में प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को एमएसीपी का लाभ दिया है. यहाँ भी विधायक नलिन सोरेन ने 2022 में इस प्रश्न को उठाया तो विभाग ने स्वीकारा कि राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक भी राज्यकर्मी हैं. इसी जवाब को आधार बनाकर गत विधानसभा में विधायक सीपी सिंह, विनोद सिंह एवं अमित मंडल ने ध्यानाकर्षण प्रश्न उठाया. इसकी सुनवाई ध्यानाकर्षण समिति में हुई. इसके सभापति विधायक डॉ सरफराज अहमद हैं. समिति के साथ विभाग की दो बैठकें हुई परन्तु विभाग द्वारा अनावश्यक अडंगा लगाया जा रहा है. ऐसे में शिक्षकों की वर्षों से लंबित समस्या का ध्यान आकृष्ट कराने हेतु विधानसभा का एक दिवसीय सांकेतिक धरना का आयोजन किया गया है.
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