संसद की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक को लेकर गृह मंत्रालय ने बनायी जांच कमिटी

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New Delhi: बुधवार को लोकसभा की सुरक्षा में हुई बड़ी सुरक्षा चूक के ममाले में गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक जांच कमिटी बनायी है.

गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि जांच कमिटी संसद की सुरक्षा में हुई चूक और इसकी वजहों की पहचान करेगी और इसे बेहतर करने के लिए मंत्रालय को जल्द रिपोर्ट सौंपेगी.

कांग्रेस ने गृह मंत्री के बयान की मांग की

इससे पहले कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह से सदन में आकर लोकसभा की सुरक्षा में हुई चूक पर बयान देने की मांग की थी. विपक्ष का कहना था कि सदन के भीतर इस तरह का वाकया होना ये बताता है कि सुरक्षा को लेकर ज़रूरी क़दम नहीं उठाए गए हैं. बता दें कि बुधवार को अमित शाह मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के शपथ ग्रहण सामरोह में हिस्सा लेने के लिए भोपाल में थे.

बुधवार को हुई थी घटना

बीते कल लोकसभा में ज़ीरो आवर के दौरान दो व्यक्ति सागर शर्मा और मनोरंजना विज़िटर गैलरी से जहां सांसद बैठते हैं उस हिस्से में कूद गए और उनके हाथों में छोटे कनस्तर थे जिनसे पीली गैस निकल रही थी. उस वक्त सदन में मौजूद सांसदों का कहना था कि इन व्यक्तियों ने नारेबाज़ी भी की.जब सदन के अंदर ये सब हो रहा था, संसद के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने भी पीले रंग का धुआं छोड़ा और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए.

क्या कहना है दिल्ली पुलिस का

बुधवार को संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अभियुक्तों ने बहुत ही ‘समन्वय’ और ‘सावधानी’ के साथ ये सब करने की योजना बनाई थी.इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को अभियुक्त बनाया है, जिनमें से पांच को गिरफ़्तार किया जा चुका है.

सागर शर्मा और मनोरंजन डी. को संसद के अंदर, जबकि अमोल शिंदे और नीलम को पुलिस ने संसद के बाहर से हिरासत में लिया गया.पुलिस को शक है कि ललित और विक्रम नाम के दो और शख़्स इन लोगों के साथ मिले हुए थे.इनमें से विक्रम को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया, जबकि पुलिस की टीमें अलग-अलग जगहों पर ललित की तलाश में दबिश दे रही हैं. बता दें कि 13 दिसंबर के ही दिन साल 2001 में संसद में हमला हुआ था.

सोशल मीडिया पर बनाई योजना

पुलिस के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए इन छह लोगों ने बहुत ही सावधानी से योजना बनाई थी.वे इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक दूसरे के संपर्क में थे और यहीं पर उन्होंने योजना बनाई. अभियुक्तों ने कुछ ही दिन पहले योजना बनाई थी और रेकी भी की थी.

इनमें से पांच लोग संसद आने से पहले गुरुग्राम में विक्रम के घर पर रुके हुए थे. वे पांचों संसद के अंदर जाना चाहते थे लेकिन दो ही लोगों को पास मिल पाया था.पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि छह अभियुक्त पिछले चार साल से सोशल मीडिया के ज़रिये एक-दूसरे को जानते थे.

अधिकारियों ने बताया, “उनकी विचारधारा एक ही है और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फ़ैसला किया. सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन्हें किसी संगठन से ऐसा करने के आदेश मिले थे.” पूछताछ के दौरान अमोल शिंदे ने कहा कि वे लोग किसानों के आंदोलन, मणिपुर संकट और बेरोज़गारी के कारण नाराज़ थे, इसलिए इस घटना को अंजाम दिया.

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