Ranchi: सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट के द्वारा स्वप्निल मयूरेश एवं अन्य की अपील में दिए गए आदेश के खिलाफ चंदन भगत एवं अन्य की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. इससे पहले भी 4 दिसंबर को इसी मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल देवास्मिता बासु की एसएलपी भी खारिज कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जेपीएससी के साक्षात्कार में बुलाए गए 186 अभ्यर्थी की उम्मीदवारी रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश को सही करार दिया और इसे बदलने से इनकार कर दिया है. प्रतिवादी स्वप्निल मयूरेश एवं विवेक हर्षल की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता सिद्धार्थ रंजन एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अबास परिमल ने पैरवी की.
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दरअसल, हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सहायक टाउन प्लानर की नियुक्ति को लेकर एकल पीठ के आदेश के खिलाफ स्वप्निल मयूरेश एवं अन्य की अपील को स्वीकृत करते हुए JPSC द्वारा सहायक टाउन प्लानर पद के लिए साक्षात्कार में बुलाए गए 186 अभ्यर्थी, जिनका फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 10 अगस्त 2020 तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट नहीं था, उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने का आदेश दिया था. इसके बाद शेष बचे वैसे अभ्यर्थी जिन्हें साक्षात्कार में बुलाया गया था और जिनके पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर का सर्टिफिकेट था, उनके नियुक्ति के लिए नया पैनल बनाकर दो माह में फ्रेश रिजल्ट जारी करने का आदेश जेपीएससी को दिया था.
दरअसल, इस संबंध में विवेक हर्षल, स्वप्निल मयूरेश एवं अन्य ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की खंडपीठ में अपील दाखिल की थी. जिसमें कहा गया था कि परीक्षा में 26 ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए है, जिनके पास विज्ञापन में फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) में पंजीयन का प्रमाण पत्र नहीं था. जबकि विज्ञापन में ऐसी कोई शर्त नहीं थी. नियुक्ति प्रक्रिया के बीच में विज्ञापन की शर्तों में बदलाव नहीं किया जा सकता है, ऐसे में इनकी परीक्षा रद्द किया जाए.
क्या है मामला
बता दें कि अप्रैल 2020 में जेपीएससी ने झारखंड में सहायक टाउन प्लानर के 77 पद के लिए विज्ञापन निकाला था. मार्च 2021 को सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए जेपीएससी ने परिणाम जारी कर दिया और सफल हुए 43 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा राज्य सरकार को भेज दी थी, इनमें से 26 ऐसे अभ्यर्थी थे जिनके पास फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तक इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट नहीं था. जेपीएससी ने 318 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाया था, जिनमें से 186 अभ्यर्थियों के पास इंस्टीट्यूट आफ टाउन प्लानर (इंडिया) का सर्टिफिकेट फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 10 अगस्त 2020 तक नहीं थी. इस मामले में एकल पीठ ने टाउन प्लानर की नियुक्ति प्रक्रिया को सही मानते हुए प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया था.
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