Ranchi : जन वितरण प्रणाली के डीलर्स की ओर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी गयी है. 1 जनवरी से ही डीलर हड़ताल पर चले जायेंगे. पीडीएस डीलर के हड़ताल पर जाने से राज्य की लगभग 2.64 करोड़ गरीब जनता खाद्यान्न से वंचित हो जायेगी. राज्य सरकार के आंकड़ों की मानें तो राज्य में 6102472 कार्डधारी हैं. औसतन मानें तो 1,46,000 मीट्रिक टन अनाज का वितरण हर महीने किया जाता है. जनवरी से पीडीएस डीलर के हड़ताल पर जाने से एक बड़ी आबादी खाद्यान्न से वंचित हो जायेगी. बता दें योजना केंद्र सरकार की है. साल 2023 में केंद्र सरकार ने एनएसएफए के तहत राशन वितरण योजना को लागू किया था. व्यवस्था साल 2028 तक लागू रहेगी. जिसके तहत गेंहू और चावल कार्ड धारियों को मुफ्त दी जाती है. लेकिन अब पीडीएस डीलरों के हड़ताल पर जाने से स्थिति गंभीर हो जायेगी. फेयर प्राईस शॉप डीलर्स एसोसिएशन की ओर से राज्य में हड़ताल का आह्वान किया गया. हालांकि पीडीएस डीलरों का कहना है कि हड़ताल पर जाने से लोगों को परेशानी तो होगी, लेकिन सरकार डीलरों की मांगों के प्रति सजग नहीं है. आठ महीने पहले खुद खाद्य आपूर्ति मंत्री और सचिव ने अलग अलग मांगों पर पहल करने की मांग की थी. लेकिन अब तक सरकार ने इस पर कोई कारवाई नहीं की. डीलरों की स्थिति ये है कि प्रति अनाज प्रति किलो मिलनेवाला कमिशन भी सरकार नहीं दे पा रही है.
राज्य के 26 हजार केंद्र रहेंगे बंद
राज्य में लगभग 26 हजार पीडीएस सेंटर हैं, जहां कार्डधारियों को राशन दिया जाता है. ऐसे में 1 जनवरी से राज्य के लगभग 26 हजार पीडीएस डीलर हड़ताल पर चले जायेंगे. 24 जिला में पीडीएस सेंटर इस दौरान बंद रहेंगे. हालांकि आंदोलन देशव्यापी है. जहां देशभर के पांच लाख 33 हजार पीडीएस डीलर 1 जनवरी से हड़ताल पर चले जायेंगे. हडताल की वजह मुख्य रूप से दस सूत्री मांग है. फेयर प्राईस एसोसिएशन की मानें तो पिछले दो साल से राज्य के 26 हजार पीडीएस डीलपों मांगों की पूर्ति के लिए प्रयासरत है. सरकार के बार-बार के आश्वासन के बाद अब पीडीएस डीलर छला हुआ महसूस कर रहे हैं.
क्या है मांग
अनुकंपा पर बहाली व्यवस्था फिर से शुरू की जाये. 2021 में कोविड के दौरान बांटे गये राशन का कमिशन दिया जाये. कुल 13 महीने का कमिशन दिया जाना है. पंद्रह साल से एक रुपया ही कमीशन दी जा रही है. महंगाई को ध्यान में रखते हुए इस राशि को तीन रुपया किया जाये. कमिशन प्रति किलो खाद्यान पर दिया जाता है. ई पॉश मशीन में टू जी सिम दिया गया. इसे फोर जी करने की मांग एक साल से की जा रही है. नेटवर्क स्लो होने के कारण काम करने में भी परेशानी होती है. गुजरात सरकार के तर्ज पर तीस हजार रुपये मानदेय प्रति महीने की मांग है.
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