Washington : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कई ऐसे कारनामे किये जा रहे हैं, जिन्हें असंभव माना जाता रहा है. माउंट वेसुवियस के विस्फोट में झुलसे हुए 2,000 साल पुराने स्क्रॉल को पढ़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने के लिए तीन शोधकर्ताओं ने 700,000 डॉलर का पुरस्कार जीता. हरकुलेनियम पपीरी में लगभग 800 ग्रीक स्क्रॉल शामिल हैं, जो 79 ईस्वी के ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान दब गए थे. यह वही ज्वालामुखी था, जिसने प्राचीन रोमन शहर पोम्पेई को दफन कर दिया था.
सख्त हो चुकी राख के लट्ठों से मिलते-जुलते स्क्रॉल, जो पेरिस में इंस्टीट्यूट डी फ्रांस और नेपल्स की नेशनल लाइब्रेरी में रखे गए हैं. ये बेहद क्षतिग्रस्त हो गए हैं और यहां तक कि जब उन्हें खोलने का प्रयास किया गया तो वे टूट भी गए. वेसुवियस चैलेंज में चार स्क्रॉल के हाई-रिज़ॉल्यूशन सीटी स्कैन किए और उन पर रिसर्च को प्रोत्साहित करने के लिए कई पुरस्कारों में से एक मिलियन डॉलर की पेशकश की.
पुरस्कार जीतने वाले लोगों में बर्लिन में पीएचडी छात्र यूसुफ नादर, नेब्रास्का के एक छात्र और स्पेसएक्स प्रशिक्षु ल्यूक फैरिटर और स्विस रोबोटिक्स छात्र जूलियन शिलिगर शामिल हैं. शोधकर्ताओं के इस समूह ने स्याही को पपीरस से अलग करने और पैटर्न पहचान के माध्यम से धुंधले और लगभग अपठनीय ग्रीक अक्षरों को विकसित करने के लिए एआई का उपयोग किया.
स्क्रॉल के लेखक “संभवतः एपिकुरियन दार्शनिक फिलोडेमस
पिछले साल फ़ारिटर ने स्क्रॉल में से एक शब्द को डिकोड किया, जो “बैंगनी” के लिए ग्रीक शब्द निकला. आयोजकों के अनुसार, संयुक्त रूप से उनके प्रयासों ने अब स्क्रॉल के लगभग पांच प्रतिशत अंश को डिक्रिप्ट कर दिया है. प्रतियोगिता के आयोजक ने एक्स पर लिखा, “स्क्रॉल के लेखक “संभवतः एपिकुरियन दार्शनिक फिलोडेमस” थे, जो ‘संगीत, भोजन और जीवन का आनंद कैसे लें’, इसके बारे में लिखते थे.”
स्क्रॉल एक विला में पाए गए थे, जिसके बारे में माना जाता है कि यह पहले जूलियस सीज़र के ससुर के स्वामित्व में था, जिनकी ज्यादातर बिना खुदाई वाली संपत्ति में एक पुस्तकालय था जिसमें हजारों और पांडुलिपियां हो सकती थीं.
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