Rana Pratap Singh
Ranchi: जमीन घोटाला मामले में सीएम हेमंत सोरेन के समन के मामले में ईडी का अबतक का लचीला रुख अब सख्त कदम की ओर बढ़ता दिख रहा है. सीएम को भेजे 7वें समन में ईडी ने स्पष्ट कर दिया है किया यह आखिरी समन है. इस बार बयान दर्ज नहीं करने सीएम पर कार्रवाई संभव है. सीएम को दो दिनों का समय उनके निर्धारित स्थल पर पूछताछ के लिए दिया गया था हालांकि अब तक यह सार्वजनिक नहीं हो पाया है कि सीएम ने इन दो दिनों में ईडी से कोई संवाद किया है या नहीं.
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दरअसल कानून के जानकार बताते हैं कि ज्यादा संभावना है कि इस बार भी सीएम हेमंत सोरेन ईडी के समक्ष बयान दर्ज कराने प्रस्तुत नहीं होंगे. इसका कारण स्पष्ट है कि ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को जमीन के मामले में आखिरी समन में यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह सीएम को आरोपी के रूप में बुला रहे हैं या एक गवाह के रूप में बुला रहे हैं. जानकार बताते हैं कि ईडी को कई ऐसे अधिकार मिले हैं जिसे कानून की कसौटी में अभी कसा जाना बाकी है. पूछताछ के क्रम में किसी को भी गिरफ्तार किए जाने का असीम पावर ईडी को मिला हुआ है. हर वह शख्स जो ईडी के समन के दायरे में आ रहा है वह ईडी के पूछताछ से बचना चाहता है क्योंकि ईडी की गिरफ्तारी के बाद किसी को भी इतनी आसानी से हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाती है. ऐसे में ईडी के समन का सामना करना सीएम हेमंत सोरेन के लिए भी कठिन प्रश्न बना हुआ है.
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कानून के जानकार बताते हैं कि सीएम हेमंत सोरेन ईडी के समक्ष पेश होने की बजाय अदालत की शरण में जाना ज्यादा बेहतर समझेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि अगर ईडी सीएम के खिलाफ वारंट भी प्राप्त कर लेता है तो सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती देकर सीएम अपना राह आसान बना सकते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में ईडी के समन से संबंधित कई मामले की सुनवाई अभी चल रही है. ईडी सीएम को बड़गाई जमीन की गड़बड़ी से संबंधित मामले में बयान दर्ज करने के लिए बुला रही है, जबकि इस मामले में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन सहित कई लोगों को आरोपी बनाकर उन्हें गिरफ्तार कर चुका है.
जानकार बताते हैं कि सीएम चाहे तो ईडी को किसी सुरक्षित जगह बयान दर्ज करने के लिए बुला सकते है, लेकिन इस दौरान संभव है सीएम के खिलाफ एक मजबूत आधार तैयार कर लें, जो बाद में सीएम की गिरफ्तारी का कारण बन भी बन सकती है. साल 2024 चुनावी वर्ष है, ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन ईडी के हर समन पर फूंक फूंक कर कदम रखेंगे.
जानें जमीन घोटाले से जुड़ा मामले को
यहां बता दें कि बड़गाई अंचल के गिरफ्तार अंचल उप निरीक्षक भानू प्रताप प्रसाद के घर से छापेमारी के दौरान ईडी को जमीन के कई अहम दस्तावेज मिले थे, जिसके बाद ईडी ने उक्त मामले में ईसीआईआर (आरएनजेडओ25/2023) दर्ज किया था. जिसका अनुसंधान ईडी कर रहा है. इसी मामले में सीएम का बयान दर्ज किया जाना है. सीएम को नोटिस सह समन में बताया गया है कि उन्हें पीएमएलए की धारा 50 के तहत बयान के लिए आखिरी मौका दिया जा रहा है. इस बार यह सुविधा दी है कि है कि वे खुद समय, तिथि और जगह बताए. ईडी के अधिकारी उनसे उनके बताए स्थान समय और तिथि को आकर पूछताछ करेंगे.
सीएम को 6 समन भेज चुका है ईडी, सीएम ने बताया था दुर्भावना से प्रेरित
जमीन घोटाले में सीएम हेमंत सोरेन को ईडी अबतक आधा दर्जन समन भेज चुका है. सबसे पहले 14 अगस्त को पहला समन, 24 अगस्त को दूसरा, 9 सितंबर को तीसरा, 23 सितंबर को चौथा, 4 अक्टूबर को पांचवा और 12 दिसंबर को छठा समन ईडी ने पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को समन जारी कर चुका है. ईडी ने जारी नोटिस में यह भी लिखा है कि छह समन जारी किया गया, लेकिन आपकी ओर से निराधार कारण बताया गया और आप ईडी कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए. इस वजह से अनुसंधान में बाधा आ रही है. पूर्व में भेजे गए समन को सीएम ने दुर्भावना से प्रेरित बताया था. सीएम ने ईडी पर केंद्र के इशारे पर काम करने व लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया था.
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