7वीं से 10वीं जेपीएससी परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों में से कितने पद हैं रिक्त, हाई कोर्ट ने JPSC और राज्य सरकार से पूछा

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Ranchi: 7 से 10वीं जेपीएससी परीक्षा में दिव्यांगों के लिए आरक्षित 7 सीटों में से 4 सीटों को दूसरे कैटेगरी के अभ्यर्थियों से भरने को लेकर दाखिल सदानंद कुमार एवं अन्य की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार एवं जेपीएससी से जवाब मांगा है. कोर्ट ने इन दोनों को 12 जनवरी तक शपथ पत्र दाखिल कर बताने को कहा है कि 7 से 10वीं जेपीएससी परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों में से कितने पद रिक्त हैं, कितने सफल अभ्यर्थियों ने ज्वाइन नहीं किया है. इससे पहले जीपीएससी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उक्त परीक्षा के सभी सीट भर गए हैं, इसलिए सफल अभ्यर्थियों को प्रतिवादी बनाया जाना जरूरी है. इस पर जवाब देते हुए प्रार्थी  की ओर से बताया गया कि उनकी जानकारी के अनुसार अभी भी कुछ सीटें खाली है.  कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी निर्धारित की. हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश शंकर की कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है. मामले में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पैरवी की है. उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया था कि सातवीं से दसवीं जेपीएससी परीक्षा में जो मेरिट लिस्ट आया उसमें से दिव्यांगों के लिए आरक्षित 7 सीटों में से 3 सीटों को ही भरा गया. बाकी 4 सीटों को दूसरे कैटेगरी के अभ्यर्थियों से भरा गया, जो राज्य सरकार के नियमावली के विरुद्ध है. नियमावली के अनुसार यह सभी 7 सीटें दिव्यांगों अभ्यर्थियों से भरी जानी चाहिए थी. अगर एलिजिबल अभ्यर्थी नहीं मिलते तो दिव्यांगों की आरक्षित बची सीट को अगले साल के लिए कैरी-फॉरवर्ड किया जाना चाहिए था . लेकिन जेपीएससी ने ऐसा नहीं किया. याचिका में प्रार्थी की ओर कहा गया है कि जेपीएससी द्वारा दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीट को दिव्यांग कोटे से ही भरा जाए .अगर यह संभव नहीं हो पाता है तो इस सीट को अगले साल कैरी फॉरवर्ड किया जाए. दिव्यांग कोटे की सीट खाली रहने के बाद उसे अन्य कैटेगरी के अभ्यर्थियों से नहीं भरा जाए.

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