Ranchi: कोई भी बाहरी जांच एजेंसी के बुलावे पर अब झारखंड के पदाधिकारी सीधा जांच एजेंसी के समक्ष नहीं जायेंगे. ईडी या फिर किसी भी जांच एजेंसी के समन या बुलावे पर पदाधिकारी पहले अपने विभाग के अध्यक्ष के माध्यम से कैबिनेट को इसकी जानकारी देंगे. कैबिनेट को जानकारी मिलने के बाद विभाग यह तय करेगा कि आगे क्या करना है. निगरानी विभाग इसके लिए नोडल के रूप में काम करेगा और वह तुरंत विधि विशेषज्ञों से सलाह लेकर आगे की कार्रवाई के लिए उक्त अधिकारी को सलाह देगा. ऐसा प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को पास किया गया है.
राज्य में राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए इस प्रस्ताव को काफी अहम माना जा रहा है. ईडी की तरफ से आये दिन राज्य के पदाधिकारियों को समन दिया जा रहा था. जिसके बाद पदाधिकारियों को ईडी के सामने पूछताछ के लिए जाना पड़ता था. इससे पहले पूछताछ के दौरान राज्य में दो आइएएस अधिकारी और कुछ पदाधिकारियों को ईडी गिरफ्तार कर चुका है. कुछ दिनों पहले खनन घोटाले मामले में साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव और सीएम हेमंत सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू को समन भेजा गया है. अभिषेक प्रसाद पिंटू को 16 और साहिबगंज डीसी को 15 जनवरी को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. ऐसे में समन की तारीख से ठीक पहले ऐसा प्रस्ताव पास होना काफी अहम माना जा रहा है.
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