Ranchi: लोकतंत्र पर शासक दल सुनियोजित तरीके से हमले कर रहा है. संसद की सुरक्षा पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने पर सत्तापक्ष द्वारा 141 से ज्यादा सांसदों को निलंबित करना इसका ताजा उदाहरण है. इस प्रकार के हमले का नेतृत्व स्वयं प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री कर रहे हैं और इसका विरोध किए जाने पर प्रधानमंत्री विपक्षी दलों को खतरनाक बता रहे हैं. प्रधानमंत्री के इस प्रकार के वक्तव्य की जितनी निंदा की जाए वह कम ही होगा. यह बातें शुक्रवार को देवघर में सीपीएम की पोलिट ब्यूरो सदस्य बृंदा कारात ने कही. करात विपक्षी दलों के देशव्यापी आह्वान पर संयुक्त रूप से आयोजित लोकतंत्र बचाओ दिवस के मौके पर आयोजित विरोध मार्च को संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा में हुई सेंधमारी पर विपक्ष द्वारा पुछे गए सवाल का जवाब क्या दुसरे देश के प्रधानमंत्री या गृहमंत्री देंगें या हमारे प्रधानमंत्री देंगें. देश के फेडरल चरित्र को खत्म करने की आरएसएस बीजेपी के षडयंत्र को परास्त करने के लिए आइएनडीआइए गठबन्धन में शामिल सभी दलों की एकजुटता को और मजबूत किए जाने का आह्वान करते हुए कहा कि हमारे झंडे अलग अलग हो सकते हैं हमारी विचारधारा अलग हो सकती है लेकिन हमारे देश के संविधान और जनतंत्र की हिफाज़त के लिए हम एक हैं. और यही एकता राष्ट्रविरोधी ताकतों को धुल चटाने का काम करेगी.
सभा को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि देवघर सहित झारखंड के सभी जिलों में आइएनडीआइए गठबन्धन की ओर से प्रभावी संयुक्त कार्रवाई कर मोदी सरकार को चेतावनी दी गयी कि संविधान और लोकतंत्र पर हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इस विरोध मार्च में देवघर जिला कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष उदय प्रकाश, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संजय शर्मा, राजद के सुरेश पासवान, जदयू के त्रिवेणी वर्मा, सीपीआई के अर्जुन यादव, सीपीएम के नवल किशोर, लखन लाल मंडल, सुरेश गुप्ता, प्रवीण शरण, अखिलेश्वर पांडे समेत अन्य शामिल रहे.
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