Ranchi : झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पीएम नरेंद्र मोदी से एचईसी को बचाने की अपील की है. साथ ही केंद्र के पास झारखंड की बकाया राशि देने की भी डिमांड की है. केंद्रीय कार्यालय, रांची में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 15 नवंबर को झारखंड के स्थापना दिवस पर पीएम के आगमन का बेसब्री से इंतजार है. ऐसे मौके पर उन्हें चाहिए कि वे एचईसी को बचाने की पहल भी करें. देश के पहले पीएम नेहरू और इस राज्य की माटी के लाल इंजीनियर कार्तिक उरांव ने जिस औद्योगिक संस्थान को खड़ा किया था, उस भाजपा के शासन काल में पिछले 10 सालों में बर्बाद कर दिया गया. नतीजा यह है कि पिछले 2-3 सालों से एचईसी के कर्मी मरणासन्न स्थिति में हैं. एचईसी के उद्धार के अलावा झारखंड का जो केंद्र के पास 36 लाख करोड़ बकाया है, उसे भी वे दिलाएं. आदिवासी, मूलवासियों के लिए जो राज्य सरकार की योजनाएं हैं, उसे पूरा करने में मदद करें.
आदिवासी हित के नाम पर केवल दिखावा
सुप्रियो भट्टाचार्य के मुताबिक मध्य प्रदेश में 15 नवंबर को चुनाव होने हैं. वहां बड़ी संख्या में आदिवासी सीटें भी हैं. कहीं ऐसा ना हो कि झारखंड में आदिवासी के नाम पर किसी तरह की घोषणा से वोट पर असर पड़े. इस केंद्र सरकार में लगातार आदिवासी, मूलवासियों, अकलियतों के खिलाफ अत्याचार बढ़ा है. अभी मिजोरम में चुनाव भी हो गये पर पीएम वहां नहीं गये. आदिवासियों के जलते पहचान को बचाने की जिम्मेदारी उन्होंने नहीं ली. उन्हें आदिवासियों पर केवल बात करना अच्छा लगता है. पिछली बार झारखंड के राज्य स्थापना दिवस समारोह पर पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रांची आना था पर उस दिन वे मध्यप्रदेश चली गयीं. अबकी 15 नवंबर को जब पीएम खूंटी (झारखंड) आ रहे हैं तो भाजपा अपना कार्यक्रम ना कर ले. इस दिन पूरे राज्य के लिए उत्सव का दिन है. पीएम अगर झारखंड आगमन पर एचईसी को बचाने के लिए पहल नहीं करते हैं तो इसका गलत मैसेज जाएगा. 2024 में उन्हें पता लग जाएगा कि कैसे वे किसी खास औद्योगिक समूह को आगे बढ़ाने में लगे हैं और देश को बर्बाद करने में लगे हैं.
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