Ranchi : झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ईडी की इजाजत के बिना राजभवन पहुंच गये थे. मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को पीएमएलए की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया था. हेमंत सोरेन को शाम लगभग 5 बजे उनकी गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दे दी गई थी. इसके बाद किसी बहाने हेमंत विधायकों से मिलने पहुंचे और फिर बिना ईडी के अधिकारियों को जानकारी दिये राजभवन पहुंच गये. कुछ देर बाद जब ईडी के अधिकारियों को इसकी भनक लगी तो राजभवन पहुंच कर हिरासत में लिया. हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने नाम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के नाम पर कई ज़मीन-जायदाद अर्जित की है. उक्त मामले में हेमंत सोरेन को कई सम्मन जारी किये गये परन्तु अधिकांश समय वे जानबूझ कर उपस्थित नहीं हुए जिससे यह भी सिद्ध होता है कि जानबूझ कर जांच से बच रहे हैं. हाल में ईडी ने हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास से 36 लाख रुपये से अधिक की नकदी के साथ-साथ भूमि के कथित अधिग्रहण की चल रही जांच से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किये हैं.
जमीन करोबार का चल रहा था सिंडिकेट
13 अप्रैल 2023 को भानु प्रताप प्रसाद, राजस्व उप निरीक्षक, बड़गाईं, रांची के परिसर सहित कई परिसरों में तलाशी ली गई. इस दौरन 17 मूल रजिस्टरों के साथ विशाल संपत्ति दस्तावेज के 11 ट्रंक जब्त किये गये. भानु प्रताप प्रसाद कई मूल रजिस्टरों के संरक्षक थे. भानु प्रताप प्रसाद मूल अभिलेखों में हेराफेरी करने में शामिल था. भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एफआइआर के आधार पर ईडी ने 26 जून 2023 को ईसीआईआर दर्ज किया. जांच से पता चला कि भानु प्रताप प्रसाद और अन्य एक बहुत बड़े सिंडिकेट का हिस्सा हैं, जो जबरदस्ती के साथ-साथ गलत कामों के आधार पर संपत्ति हासिल करने, सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी करने, मूल राजस्व के साथ छेड़छाड़ करने के भ्रष्ट आचरण में शामिल हैं.
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