Ranchi: एडीजी ट्रेनिंग प्रिया दुबे के पति धनबाद के तत्कालीन सीनियर कमांडेंट आरपीएफ संतोष कुमार दुबे को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. विभागीय कार्यवाही पर रोक के बावजूद रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा संतोष को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट देने पर झारखंड हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. संतोष दुबे वर्तमान में डीआईजी आरपीएफ पद पर लखनऊ में पदस्थापित हैं.
दरअसल, संतोष कुमार दुबे चक्रधरपुर, धनबाद और रांची डिवीजन में पदस्थापित रहे थे. इस दौरान उन पर 1.48 करोड रुपये की आय से अधिक संपत्ति का मामला सीबीआई ने दानापुर में 10 जुलाई 2013 को केस दर्ज किया था. इसके बाद आरपीएफ नई दिल्ली ने संतोष कुमार दुबे के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया. संतोष की अधिकांश पोस्टिंग झारखंड में हुई थी. इसी दौरान उनपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था.
संतोष कुमार दुबे द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने का चेक पीरियड 1998 से 2013 तक सीबीआई ने रखा है. यहां यह भी बता दें कि मामले में सीबीआई ने 28 जून 2022 को संतोष और उनकी IPS पत्नी प्रिया दुबे एवं अन्य खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
इसके बाद सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पटना ने 22 जुलाई 2022 को मामले में संज्ञान लिया था. 31 जनवरी 2023 को आरपीएफ, नई दिल्ली ने संतोष कुमार दुबे के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई थी. इसके बाद संतोष कुमार ने विभागीय कार्यवाही को निरस्त करने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
5 अक्टूबर 2023 को झारखंड हाई कोर्ट ने संतोष कुमार दुबे के खिलाफ आरपीएफ द्वारा विभागीय कार्रवाई के आदेश पर रोक लगा दिया. इसके बाद पांच दिसंबर 2023 को रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली ने विभागीय कार्यवाही पर रोक के बावजूद 1802( ए) इंडियन इस्टैब्लिशमेंट कोड के तहत संतोष कुमार को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट दे दिया था.
मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को 7 नवंबर 2023 को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जवाब दाखिल नहीं होने पर कोर्ट ने संतोष कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर रोक जारी रखी थी. इसी दौरान प्रीमेच्योर रिटायरमेंट किए जाने को लेकर संतोष कुमार दुबे ने हाईकोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका (आईए) दाखिल की. जिस पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट में संतोष कुमार दुबे को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट दिए जाने के आदेश पर रोक लगा दी. हाईकोर्ट ने मामले के अगली सुनवाई 12 फरवरी 2024 निर्धारित करते हुए केंद्र सरकार को मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
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