Ranchi : झारखंड किसान महासभा और जय झारखंड अभियान ने राज्य सरकार से किसान हित में ईमानदारी और गंभीरता दिखाने की अपील की है. किसानों के लिए योजना निर्माण और उसके रोड मैप में जवाबदेही तय करने का भी आग्रह किया है. महासभा की ओर से इसके अध्यक्ष राजू महतो ने गुरुवार को प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यभर में शुरू किए गए किसान बचाओ यात्रा के जरिये किसानों को जागरूक करने को किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. मौके पर महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष पंकज राय, महासचिव उपेंद्र गुरु, जय झारखंड अभियान के संतोष महतो समेत अन्य भी उपस्थित थे.
इन मुद्दों पर सरकार हो गंभीर
प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से महासभा ने इन मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया-
धान के एमएसपी को बढ़ा कर 25 रुपए तक किया जाए. इसकी खरीद प्रक्रिया दिसंबर में प्रारंभ हो. धान खरीद के एवज में भुगतान 24 घंटे के अंदर किसानों को खाते में हो. धान खरीद की पिछले साल की बकाया राशि अविलम्ब किसानों के खाते में मिले. ग़ैरमजरूआ जमीन पर अरसे से खेती कर रहे किसानों को जमीन पर मालिकाना हक हासिल हो. इसके लिए तत्काल रसीद काटने का आदेश जारी हो.
झारखण्ड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा ) विधेयक पारित हो. किसानों के नाम पर ली गई बाजार समितियों में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किसानों के लिए हो ना कि व्यापारियों के लिए. ग्रामीण क्षेत्र के हाट बाजारों को मॉडल हॉट के रूप में विकसित किया जाए. सरकार हरी सब्जियों सहित अन्य फसलों का एमएसपी तय करे और धान, अरहर, मडुवा ( रागी ), मक्का, मूंगफली, सरसों, आलू आदि की खरीद की व्यवस्था बाजार समिति के माध्यम से करवाए ताकि वास्तविक किसानों से धान और अन्य फसलों की खरीद हो सके. झारखण्ड में पाँचों प्रमण्डलों की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप स्पष्ट कृषि नीति का निर्माण हो. लंबित झारखण्ड कृषि बिल में संशोधन कर किसान हित में अविलंब लागू किया जाय. KCC लोन की सीमा 10 लाख तक करें. जंगली जानवरों के द्वारा जान – माल के नुकसान के लिये उचित मुआवाजा का भुगतान त्वरित रूप से हो. मोटे अनाजों की खेती को लेकर मिलेट अथॉरिटी ऑफ झारखण्ड का गठन सरकार करे. आर्गेनिग फार्मिग अथॉरिटी ऑफ झारखण्ड के कार्यों की समीक्षा करें. इस विभाग से किसानों का अबतक क्या फायदा हुआ है, इसकी जानकारी साझा की जाए. संतोषजनक परिणाम न दिखने पर फिर से झारखण्ड में जैविक कृषि की कारगर नीति बनाई जाए. कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत सभी विभागों का एकीकृत वेब पोर्टल बने जिसमे योजनाओं के निर्माण स्तर से लेकर चयनित लाभुकों के स्तर तक की समुचित जानकारी मिले. झारखण्ड में कृषि प्रशिक्षण हेतु विश्वस्तरीय AGRICULTURAL CENTRE OF EXCLLENCE बनाया जाए.
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