देवघर: साइबर अपराध को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

Deoghar: देवघर एवं राज्य ही नहीं पूरे देश के लिए साइबर फ्रॉड एवं साइबर अपराध बहुत बड़ी चुनौती बन चुका है. जिसके शिकार आए दिन कोई न कोई हो रहे हैं. इसी विषय को ध्यान में रखकर साइबर अपराध एवं साइबर ठगी के प्रति जागरूक और सजग करने के उद्देश्य से इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी देवघर द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना देवघर के सहयोग से रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ में सोमवार को एक दिवसीय साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम सह साइबर अपराध पोस्टर जागरूकता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम की शुरुआत इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी देवघर शाखा के उपाध्यक्ष सह पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग, प्रशिक्षु आईपीएस शिवम प्रकाश, सीसीआर डीएसपी  आलोक रंजन, प्रशिक्षु डीएसपी रामाकांत रजक, प्रशिक्षु डीएसपी तारस सोरेन, रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ के सचिव स्वामी जयंतानंद जी महाराज, प्रधानाचार्य दिव्या सुधानंद जी महाराज, रेड क्रॉस चेयरमैन जितेश राजपाल, वाइस चेयरमैन पीयूष जायसवाल, सचिव निरंजन कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष  राजकुमार बरनवाल द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया. दीप प्रज्वलन के उपरांत सभी अतिथियों का स्वागत पौधा प्रदान करते हुए किया गया.

इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी  के चेयरमैन जितेश राजपाल ने कहा कि साइबर अपराध से संबंधित जागरूकता जरूरी है क्योंकि जागरूकता ही बचाव है. हमसभी यहां आज इसलिए उपस्थित हैं कि आधुनिक तकनीकी इस युग में ऑनलाइन संस्कृति से जुड़ चुके हैं. साथ ही डिजिटल व्यवसाय की व्यापकता भी बढ़ती जा रही है. इसलिए साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है. जिस पर सामवेद चर्चा और संभावित निदान पर आवश्यक बात करना यथोचित है.

आपकी सजगता और जागरूकता ही आपको साइबर फ्रॉड से सुरक्षित रखेगीः एसपी

इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के उपाध्यक्ष सह पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग ने बेहद रोचक ढंग से रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ देवघर के बच्चों के साथ परिचर्चा सत्र के दरम्यान बातें करते हुए कहा कि हर कोई सोचता है कि केवल किसी का निजी डेटा चुराना ही साइबर अपराध है. लेकिन परिभाषित शब्दों में हम कह सकते हैं कि साइबर अपराध का तात्पर्य किसी के डेटा को चुराने या कंप्यूटर का उपयोग करके उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कंप्यूटर, लैपटॉप, आदि के उपयोग से है. इसके अलावा यह एक गैरकानूनी गतिविधि है. जिसमें चोरी से लेकर अपराध करने के लिए एक उपकरण के रूप में आपके सिस्टम या आईपी पते का उपयोग करने तक कई मुद्दे शामिल हैं. मोटे तौर पर बात करें तो हम कह सकते हैं कि साइबर अपराध को चार प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है.

ये हैं वित्तीय, गोपनीयता, हैकिंग और साइबर आतंकवाद. वित्तीय अपराध के तहत वे उपयोगकर्ता या खाताधारकों का पैसा चुरा लेते हैं. इसी तरह उन्होंने कंपनियों का डेटा भी चुराया जिससे वित्तीय अपराध हो सकते हैं. साथ ही इनकी वजह से लेनदेन में भारी जोखिम होता है. हर साल हैकर्स बिजनेसमैन और सरकार के लाखों-करोड़ों रुपये चुरा लेते हैं. गोपनीयता अपराध में आपका निजी डेटा चुराना शामिल है. जिसे आप दुनिया के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं. इसके कारण लोगों को बहुत परेशानी होती है.

हैकिंग में वे जनता या मालिक को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर किसी वेबसाइट को विकृत करते हैं. वे मौजूदा वेबसाइटों का मूल्य कम करने के लिए उन्हें नष्ट कर देते हैं या उनमें बदलाव कर देते हैं. आधुनिक आतंकवाद 10-20 साल पहले की तुलना में कहीं अधिक बढ़ गया है. लेकिन साइबर आतंकवाद का संबंध सिर्फ आतंकवादियों या आतंकवादी संगठनों से नहीं है. लेकिन किसी व्यक्ति या संपत्ति को डर पैदा करने के स्तर तक धमकाना भी साइबर आतंकवाद है. वेब दुनिया या साइबरस्पेस लाखों-अरबों उपयोगकर्ताओं और वेबसाइटों का एक विशाल समुदाय है. साथ ही, लोग खरीदारी, फिल्में, संगीत, वीडियो गेम, लेनदेन और ई-कॉमर्स आदि जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए इसका उपयोग करते हैं. टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की आसान पहुंच के इस युग में कोई भी आसानी से इस तक पहुंच सकता है. पिछले दशक की तुलना में इस तीव्र गति से विकास के कारण. इंटरनेट ने सूचनाओं की एक ऐसी दुनिया खोल दी है जिससे कोई भी जुड़ सकता है. इसके कारण अपराध की दर विशेषकर साइबर अपराध की दर कई गुना बढ़ गयी है. इंटरनेट की तेज़ गति के कारण डेटा के प्रसार की दर भी कई गुना बढ़ जाती है. सबसे बढ़कर, इन सभी मुद्दों के कारण साइबर सुरक्षा समाज के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गई है. साइबर अपराध को फैलने से रोकने और लोगों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने साइबर अपराध से संबंधित कई कानून बनाए हैं. साथ ही, ये कानून साइबर अपराध के खिलाफ सुरक्षा के रूप में भी काम करते हैं. सरकार ने साइबर अपराध की समस्या का यथासंभव तेजी से मुकाबला करने के लिए पुलिस स्टेशनों में साइबर सेल भी शुरू किए हैं. साइबर अपराध कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिससे हम स्वयं नहीं निपट सकते. हम अपने सामान्य ज्ञान और तर्क के थोड़े से उपयोग से साइबर अपराधों को होने से रोक सकते हैं.

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