Ranchi : राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता मुख्यालय पेयजल एवं स्वचछता विभाग झारखंड प्रदीप कुमार चौधरी को दंडित किया है. उनके खिलाफ कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल धनबाद-2 के पद पर रहते हुए आरोप लगे थे, जिसकी जांच के बाद पेंशन नियमावली के तहत सरकार ने उनके देय पेंशन की राशि से पांच प्रतिशत की कटौती एक वर्ष तक किये जाने का दंड दिया है. इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है. वर्ष 2011-12 में केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम एनआरडीडब्लूपी के तहत कोल्हार में जटाडीह- जोरिया नाला पर पक्का चेक डैम एवं विंगवाल का निर्माण कराया गया था. योजना निर्माण के क्रम में लागत वृद्धि हुई थी, जिसका भुगतान समय पर नहीं हुआ था. इस कारण योजना के संवेदक के द्वारा हाइकोर्ट में वाद दायर किया गया, जिसके क्रम में पुन: अवमानवाद भी दायर किया गया. कोर्ट द्वारा संवेदक को अतिरिक्त राशि का भुगतान करने का आदेश पारित हुआ. पूरे मामले पर अभियंता प्रमुख पेयजल एवं स्ववच्छता विभाग द्वारा 22 अप्रैल 2019 को समीक्षा की गयी और यह पाया गया कि योजना का सृजन जिन उदेश्यों की पूर्ति के लिए किया गया था, उन लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं हुई. बैठक में समिति द्वारा सरकारी राशि के दुरुपयोग के लिए दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित कर दंडित करने की अनुशंसा की गयी थी. इस पूरे मामले की जांच फिर मुख्य अभियंता दुमका प्रक्षेत्र से भी करायी गयी. उनके प्रतिवेदन के बाद दो बार उनसे स्पष्टीकरण किया गया. इस बीच प्रदीप कुमार चौधरी रिटायर हो गये. पूरे मामले की समीक्षा के बाद तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, धनबाद दो,सम्प्रति सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता पेयजल एवं स्वचछता विभाग के पेंशन से पांच प्रतिशत राशि कटौती का आदेश हुआ.
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