New Delhi: बिहार जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. राज्य में जाति आधारित सर्वे से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया और इस मामले की सुनवाई के लिए जनवरी 2024 की तारीख दी.
जदयू ने जताई खुशी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, “नीतीश कुमार ने राज्य में अति पिछड़ों को पंचायती राज में आरक्षण देकर सबल बनाने का काम किया है. जो लोग उनके साथ राजनीति कर रहे हैं, वे न्यायालय के इस निर्णय से खुश हैं.”
जातिगत सर्वे पर क्या कहना है बीजेपी का
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा, “जातिगत सर्वे का जब निर्णय हुआ तो सभी पार्टियां सहमत थीं और ये फैसला हमारी सरकार के मंत्री परिषद की बैठक में हुआ था. अभी जो डेटा जारी हुआ है उसमें दो तीन जातियों को छोड़ कर अधिकांश जातियां नाराज़ हैं. सभी को लग रहा है कि धोखाधड़ी हुई है, आंकड़ों को कम करके दिखाया जा रहा है.” उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में एक असंतोष का वातावरण दिखाई दे रहा है. जेडीयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि तेली समाज की संख्या को कम करके दिखाया गया है.
| On Bihar caste census, BJP leader Sushil Modi says, “If the Supreme Court has issued a notice, the Bihar government will give an answer to it. But when the decision of caste survey was taken, all the parties agreed on it and this decision was taken during the time of our…
— ANI (@ANI)
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