Patna: बिहार विधानसभा में गुरुवार को राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में एससी, एसटी, ओबीसी और अति पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को बढ़ाने के लिए लाया गया विधेयक सर्वसम्मति से पास हो गया है. इस विधेयक के क़ानून बनते ही बिहार सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का स्तर 65 फीसदी तक पहुंच जाएगा. अब तक आरक्षण 50 फीसदी तक था और राज्यपाल की मुहर लगते ही ये विधेयक क़ानून की शक्ल ले लेगा.
बीजेपी की ओर से विधानसभा में इस विधेयक का समर्थन करते हुए नंद किशोर यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी का हमेशा से मानना रहा है कि देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों का उत्थान नहीं होता.
बता दें कि हाल ही में बिहार में जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए गए हैं जिनके मुताबिक़ राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, पिछड़ा वर्ग 27.12%,अनुसूचित जाति 19.65%, और अनारक्षित यानी सवर्ण जातियां क़रीब 15.52%हैं. वहीं,अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68% है.
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