New Delhi: भारत और मालदीव के बीच जारी तनाव के बीच, चीन का एक जहाज मालदीव के जल क्षेत्र में पहुंच गया है. यह इसकी राजधानी माले में डेरा डालने के लिए तैयार है. चीनी सेना पीएलए का जहाज जियांग यांग होंग-3, 4,300 टन वजन वाला है.
इसे हिंद महासागर के सतह की जांच करने वाला ‘रिसर्च वेसिल’ माना गया है. नौसेना के सूत्रों के मुताबिक चीन का यह जासूसी जहाज समुद्र की सतह की मैपिंग कर भविष्य में पनडुब्बी संचालन के लिए डेटा इकट्ठा कर सकता है, इसे भारत के लिए एक खतरे के तौर पर देखा जा रहा है.
भारत और मालदीव के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच चीन का जासूसी जहाज जियांग यांग होंग-3 मालदीव के जल क्षेत्र में पहुंच चुका है. अब यह माले की तरफ बढ़ रहा है. मालदीव की मुइज्जू सरकार ने इस चीनी जहाज को राजधानी माले में रुकने की परमिशन दे दी है.
चीन के इस जहाज को परमिशन दिए जाने का भारत और अमेरिका ने विरोध किया है. चीन के इस जहाज पर लंबे समय तक सर्वे के नाम पर भारत, श्रीलंका और मालदीव के आर्थिक क्षेत्र में जासूसी करने के आरोप लगते रहे हैं.
मालदीव ने पिछले महीने कहा था कि चीनी जहाज जियांग यांग होंग-3 उसके जल क्षेत्र में कोई रिसर्च नहीं करेगा. यह जहाज सिर्फ “रोटेशन और रिप्लेनिश के लिए आएगा. हालांकि, भारत की चिंताएं सिर्फ मालदीव के पानी तक ही सीमित नहीं हैं. चिंताएं उन सभी क्षेत्रों के लिए हैं, जहां यह जहाज संचालित हो रहा है.
चीन का जहाज मालदीव और श्रीलंका के बीच जल में जिगजैग मैनर में काम कर रहा है. हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव और भारत-मालदीव संबंधों में आई खटास के बीच नई दिल्ली इस जहाज की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखे हुए है.
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