विस्थापित समन्वय संघर्ष समिति ने सीसीएल कथारा एरिया के गोविंदपुर-स्वांग परियोजना का चक्का जाम किया

1 min read

Bermo : CCL Kathara  क्षेत्र अंतर्गत गोविंदपुर-स्वांग परियोजना के फेज दो ओपन कास्ट में कोयले की आउटसोर्सिंग का कार्य करनेवाली कंपनी सहित परियोजना का चक्का जाम पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को केंद्रीय विस्थापित समन्वय संघर्ष समिति के द्वारा सुबह सात बजे से किया गया. चक्का जाम आंदोलन दोपहर बाद लिखित आश्वासन के बाद समाप्त कर दिया गया. चक्का जाम के दौरान परियोजना के आउट सोर्सिंग का कार्य सहित सीसीएल का सारा काम काज विस्थापित प्रभावित रैयतों एवं कमिटी के लोगों द्वारा बंद करवा दिया गया. विस्थापित गांव नयी बस्ती के ग्रामीणों सहित समिति के लोगों का कहना था कि गोविंदपुर परियोजना अंतर्गत मोंटिको नदी को सीसीएल प्रबंधन के द्वारा कोयला उत्खनन कार्य के लिए डायवर्सन कर दिया गया है. नदी का डायवर्सन कर दिये जाने के कारण डीवीसी द्वारा पुर्नवासित नयी बस्ती के रैयतों की जमीन पानी में डूब गयी है. साथ ही उक्त परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन के बदले नौकरी भी प्रबंधन के द्वारा कम जमीन रहने के कारण नहीं दिया गया था. जबकि आउट सोर्सिंग का काम बीएलए कंपनी के द्वारा किया जा रहा है. विस्थापितों एवं रैयतों ने सीसीएल प्रबंधन से मांग की गयी थी कि वैसे प्रभावित रैयतों को तत्काल रोजगार एवं क्षतिपूर्ति  मिलॉ और इसके लिए अथक प्रयास भी किया गया, लेकिन प्रबंधन उपेक्षात्मक नीति अपनाये रहा. सीसीएल के अधिकारियों के उपेक्षात्मक रवैये के कारण शुक्रवार को परियोजना का चक्का जाम किया गया. बाद में परियोजना पदाधिकारी द्वारा मांगों को पूरा करने को लेकर लिखित पत्र देने के बाद आंदोलन समाप्त कर दिया गया. आंदोलन को सफल बनाने में मुख्य रूप से विस्थापित नेता बालेश्वर यादव, वाजीद हुसैन, सुरेंद्र घांसी, रवि तुरी, भुनेश्वर सिंह, मंटू कुमार यादव, जलील अंसारी, रजीम अंसारी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

इसे भी पढ़ें – 

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours