शिक्षक भर्ती घोटाला : अभिषेक बनर्जी को बड़ी राहत, चुनाव कैंपेन के चलते 10 जुलाई तक समन नहीं भेजेगी ईडी

New Delhi: शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में TMC अभिषेक बनर्जी को बड़ी राहत मिल गई है. दरअसल, ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि उन्हें 10 जुलाई तक कोई समन नहीं दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक बनर्जी के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें डायमंड हार्बर से लोकसभा चुनाव लड़ना है. उनके क्षेत्र के लिए 1 जून को मतदान होगा और इस वजह से उन्हें कैंपेन में ध्यान देने की जरूरत है.

अभिषेक बनर्जी के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनको, ईडी ने पूछताछ के लिए आखिरी बार मार्च 2022 में बुलाया था जबकि उनकी पत्नी रूजिरा को सितंबर 2023 में आखिरी बार बुलाया गया था. सिब्बल ने कहा कि अगर पूछताछ करनी है तो ईडी को कोलकाता में ही करना चाहिए दिल्ली बुलाने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा, “मामला कोलकाता में दर्ज है और जांच भी वहीं की जा रही है. इसलिए ईडी को बताना चाहिए कि वो क्या चाहती है और हम जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं”.

सिब्बल ने कहा कि “चुनाव आ गए हैं और अब ईडी क्यों बुला रही है? वो कुछ दिन इंतजार कर लेते. याचिकाकर्ता टीएमसी का जनरल सेक्रेटरी है, लोकसभा सांसद है और अब वह डायमंड हार्बर से प्रत्याशी भी है. एक जून को इस क्षेत्र में वोटिंग होनी है और इस वजह से आगे की सुनवाई जुलाई में की जाए.

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईडी केस को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 10 जुलाई तक के लिए टाल दी है. सुप्रीम के आदेश में प्रवर्तन निदेशालय की दलील को भी रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि तब तक बनर्जी को तलब नहीं किया जाएगा.

बता दें कि 10 जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को राहत देने से इनकार कर दिया था और इस मामले को रद्द किए जाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिषेक बनर्जी के खिलाफ ईडी की जांच चलती रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह जांच को बाधित नहीं करेगा.

अभिषेक बनर्जी ने 9 नवंबर को मामले से जुड़े सवालों के जवाब सौंपे थे

तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने 9 नवंबर 2023 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए थे और पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल नौकरी घोटाले की चल रही जांच से संबंधित जांच एजेंसी के सवालों का जवाब सहायक दस्तावेजों के साथ सौंपा था, जो लगभग 6,000 पृष्ठों में थे.

 

 

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