Ranchi: साईबर ठगी करने वाले जिन जालसाजों को केरल की एर्नाकुलम पुलिस तलाश रही थी वे झारखंड की राजधानी रांची में मिले. ठगी के इस अंतरराज्यीय गिरोह का संचालन बिहार के नवादा जिले में स्थित वारीसलीगंज से किया जा रहा था. वारसिलीगंज में बैठे सरगना गुर्गों को आमदनी का हिस्सेदारी दे रहे थे. आरोपी ने केरल के एर्नाकुलम निवासी महिला शोभा मेनन को 1.50 करोड़ लॉटरी लगने का झांसा देकर 1.12 करोड़ की ठगी की थी. जिसके बाद केरल की अपराध शाखा और सुखदेवनगर थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में चारो आरोपी पकड़ में आए.
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गिरफ्त में आए जालसाजों में ज्योतिष कुमार, मोहन कुमार, अजीत कुमार और नीरज कुमार शामिल हैं. आरोपी के पास से एक लाख नकद, छः आईफोन, 17 विभिन्न कंपनियों के मोबाइल, विभिन्न बैंकों के 85 एटीएम कार्ड, दो फोर व्हीलर, तीन बाइक, विभिन्न बैंकों के 18 पासबुक, एक मोडम, एक लैपटॉप बरामद किया गया है. ज्योतिष कुमार, मोहन कुमार, अजीत कुमार मूलरुप से बिहार के नवादा जिला स्थित वारसिलीगंज का रहने वाला है. जबकि नीरज सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के किशोरगंज नीरज का रहने वाला है. आरोपी पीड़ित महिला शोभा मेनन से डेढ़ करोड़ की लॉटरी लगने के नाम पर संपर्क किया. झांसे में लेने के बाद एक वर्ष में महिला से 1.12 करोड़ ठग लिये. महिला सरकारी विभाग की रिटायर्ड कर्मचारी हैं. ठगी का एहसास होने पर महिला ने एर्नाकुलम की अपराध शाखा में 26 जुलाई 2023 को शिकायत दर्ज कराई थी. एर्नाकुलम अपराध शाखा ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर रांची पुलिस से सहयोग आरोपी को गिरफ्तार किया.
दो साल से रह रहा था रांची में, 70 से 75 लाख का होता था ट्रांजेक्शन
बिहार के नवादा में बैठे सरगना रांची में गुर्गे भेजकर ठगी करवाता था. वारीसलीगंज निवासी ज्योतिष कुमार, मोहन कुमार और अजीत कुमार दो वर्ष से राजधानी रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र स्थित विघानगर में किराये के मकान में रह रहा था. आरोपी वारीसलीगंज में ही साईबर ठगी की ट्रैनिग ली थी. आरोपी हर महीने रांची में 70 से 75 लाख का ट्रांजेक्शन करता था. आरोपी लोगो को लॉटरी का लालच देकर ठगी करता था. आरोपी लॉटरी में लगे छोटे रकम भेजता भी था. फिर कुछ दिन बाद दुबारा लॉटरी का झांसा देकर ठगी करता था. गिरोह का सरगना करीब चार दर्जन लोगो का एक टीम बनाकर बिहार झारखंड सहित अन्य राज्यो में ठगी करता है.
संगठित तरीके से देता है घटना को अंजाम
बिहार के नवादा स्थित वारीसलीगंज में बैठे सरगना संगठित तरीके से घटना को अंजाम देता है. इसके लिये बजाप्ते करीब 50 लोगो का एक टीम बना रखा है. जो बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यो में साईबर ठगी की घटना को अंजाम देता है. गिरोह के लोगो को अलग अलग काम सौपा गया है. कॉल करके झांसे में लेने, बैंक एकाउंट खोलने, पैसा निकालने, जमा करने के लिये अलग अलग लोगो को रखा गया है, इसके लिये सबकी हिस्सेदारी तय है.
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