अफसरों के लिए अच्छी खबर: राज्य में प्रीमियर सेवा, बीडीओ सीओ के लिए अलग-अलग सेवा का होगा गठन, सीएस की अध्यक्षता में समिति गठित

Nikhil Kumar

Ranchi: झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए एक अच्छी खबर है. राज्य सरकार ने बिहार राज्य के तर्ज पर झारखंड प्रशासनिक सेवा का पुनर्गठन कर उसे प्रीमियर सेवा में बदलने का फैसला लिया है. पदों को भी नए सिरे से तय किया जाएगा. इसके साथ ही अंचल पदाधिकारी के पदस्थापन को झारखंड राजस्व सेवा एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी के लिए ग्रामीण विकास सेवा का अलग से गठन करने का निर्णय लिया गया है. प्रीमियर सेवा और झारखंड ग्रामीण विकास एवं झारखंड राजस्व विभाग की सेवा के गठन की अनुशंसा करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव एल खियांगते की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित कर दी गई है. इस समिति में विकास आयुक्त झारखंड प्रधान सचिव वित्त विभाग , प्रधान सचिव ग्रामीण विकास विभाग अपर मुख्य सचिव प्रधान सचिव या सचिव राजस्व भूमि सुधार विभाग को सदस्य, सचिव कार्मिक विभाग को सदस्य सचिव बनाया गया है. इस संबंध में कार्मिक प्रशासनिक सुधार राजभाषा विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है. बता दे झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ कई सालों से राज्य सरकार से प्रीमियर सेवा के गठन की मांग कर रहा था इसके बाद अब सरकार ने समिति गठित की है.

वर्तमान में काफी उम्र बीत जाती है उच्च पदों पर आने में

दरअसल, कार्मिक विभाग के 24 दिसंबर 2020 के आदेश द्वारा झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी के लिए विभिन्न स्तर के संवर्गीय पदों की संख्या निर्धारित एवं चिन्हित है झारखंड प्रशासनिक सेवा संरचना की संख्या एवं संरचना से यह स्पष्ट होता है कि अन्य राज्यों की अपेक्षा झारखंड प्रशासनिक सेवा के सदस्य बहुत उम्र होने पर अनुमंडल पदाधिकारी एवं संपर्क क्षेत्र एडीएम एवं समकक्ष स्तर, संयुक्त सचिव एवं समकक्ष स्तर, अपर सचिव विशेष सचिव तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा में पूर्णतया होकर पहुंच पाते हैं जिसके कारण क्षेत्रीय प्रशासन में युवा एवं परिश्रमी पदाधिकारी की कमी रहती है.

इस तरह हो सकता है समस्या का समाधान

राज्य सरकार का मानना है कि क्षेत्रीय प्रशासन में युवा पदाधिकारी की कमी को दूर करने के लिए झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी को प्रथम नियुक्ति के अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी एवं समकक्ष स्तर पर पदस्थापित किया जाए तथा इतनी संख्या रखी जाए कि आगे वरीय पदों पर प्रोन्नति शीघ्र हो सके. राज सरकार ने इसके लिए झारखंड प्रशासनिक सेवा संपर्क का पुनर्गठन कर प्रीमियर सेव बनाने के साथ-साथ झारखंड राजस्व सेवा एवं झारखंड ग्रामीण विकास सेवा का गठन करने का निर्णय लिया है.

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours