अब नहीं है एमफिल मान्य, दाखिला भी न लें: यूजीसी की छात्रों से अपील

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New Delhi: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विद्यार्थियों से कहा है कि वे किसी भी एम.फिल. (मास्टर ऑफ फिलॉसफी) कोर्स में एडमिशन न लें, क्योंकि अब इसकी मान्यता नहीं है. समाचार एजेंसी पीटीआई को यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने यह जानकारी दी है. यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को मौजूदा शैक्षणिक सत्र (2023-24) से किसी भी तरह के एम.फिल़ कोर्स को रोकने के लिए तुरंत क़दम उठाने का आदेश दिया है. सचिव मनीष जोशी ने विद्यार्थियों को भी सलाह दी है कि वे किसी भी एम.फिल. कोर्स में एडमिशन न लें.

मनीष जोशी ने कहा है, “यूजीसी (पीएचडी डिग्री अवार्ड करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रियाएं) विनियम, 2022 की रेगुलेशन संख्या 14 में साफ़ कहा गया है कि उच्चतर शिक्षा संस्थान कोई एम.फिल. प्रोग्राम की पेशकश नहीं करेंगे.” उन्होंने कहा, “यूजीसी ने पाया है कि कुछ विश्वविद्यालय एम.फिल. प्रोग्राम के लिए नए आवेदन मंगा रहे हैं. इस संबंध में बताया जाता है कि एम.फिल. डिग्री मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है.”

क्या था एम.फिल. प्रोग्राम

देश के कई विश्वविद्यालय मास्टर और पीएचडी प्रोग्राम के बीच एम.फिल. प्रोग्राम चलाया करते थे. लेकिन कई ऐसे भी विश्वविद्यालय थे, जहां मास्टर के बाद सीधे पीएचडी प्रोग्राम में दाख़िला होता था. यूजीसी ने इस असंगति को दूर करने के लिए एम.फिल. की पढ़ाई रोकने का एलान किया था. इस प्रोग्राम में पीएचडी के पहले विद्यार्थियों को तैयार किया जाता था. हालांकि आलोचकों का तर्क है कि पीएचडी के दौरान भी यही काम किया जाता है. इसलिए एम.फिल. को बंद कर दिया जाना चाहिए. वैसे जेएनयू जैसे कुछ विश्वविद्यालयों में सत्र 2021-22 से ही एम.फिल. प्रोग्राम बंद कर दिया गया था.

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