Giridih: कच्चे मकान में रहने वाले लोगों के लिए मोदी सरकार ने जरुरतमंदो को पक्का मकान देने को लेकर पीएम आवास योजना शुरु किया. और अब तक गिरिडीह में भी पांच लाख से अधिक लाभुकों को पीएम आवास योजना के सहारे उनका अपना पक्का मकान भी मिल चुका है. लेकिन अब इस योजना की राशि का बंदरबांट खुद जरुरतमंद लाभुक ही करते नजर आ रहे है. गिरिडीह के सदर प्रखंड से जुड़ा मामला शनिवार को सामने आया. जब सदर प्रखंड के बीडिओ गणेश रजक ने अलग-अलग पंचायतों के तीन सौ आठ लाभुकों को नोटिस जारी कर उनसे पूछा है कि पीएम आवास योजना के लिए उन्हें दुसरी किस्त का भुगतान कर दिया गया. लेकिन मकान अब तक अपूर्ण क्यों है. बीडिओ की मानें तो अगले कुछ दिनों में ऐसे सैकड़ो लाभुकों के खिलाफ मुफ्फसिल और पचंबा थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया जा सकता है. क्योंकि 308 लाभुकों को पहले ही नोटिस देकर जवाब मांगा गया था. लेकिन सप्ताह दिन बीतनें के बाद भी किसी लाभुक का जवाब नहीं आया. तो अब इनके खिलाफ केस दर्ज कराने में प्रखंड कार्यालय जुट चुका है.
सूत्रों की मानें तो सदर प्रखंड के तीन सौ आठ लाभुकों को पहली किस्त 1 लाख 20 हजार का भुगतान किया गया. तो महज 70 लाभुकों ने पीएम आवास निर्माण के योजना के तहत कार्य कराना शुरु किया. और वैसे लाभुकों का अब भी पीएम आवास का काम अधूरा पड़ा है. जबकि अधिकांश लाभुकों ने निर्माण कार्य तो दूर अपने जर्जर कच्चे मकान को तोड़ा तक नहीं. जबकि 70 समेत अधिकांश लाभुकों को पीएम आवास योजना के तहत दुसरी किस्त 40 हजार तक का भुगतान कर दिया गया. लेकिन सिर्फ 70 लाभुकों ने निन्टल तक काम शुरु कराया. मामले की जानकारी तब मिली जब आवास योजना से जुड़े बीपिओ और प्रखंड समंवयकों स्तर के कर्मियों ने जांच शुरु किया. जांच के क्रम में ही बात सामने आई कि 308 लाभुकों ने अपने कच्चे मकान को तोड़ा तक नहीं, और प्रखंड कार्यालय के माध्यम से मिले केन्द्र सरकार के फंड को दूसरे काम में खर्च कर दिया. जांच के क्रम में यह भी सामने आया कि कुछ लाभुकों ने शादी के नाम खर्च किया. कुछ ने अपने परिजनों की बीमारी के इलाज में खर्च कर दिया.
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