चारा घोटाला: डोरंडा कोषागार से 36.59 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में 124 आरोपियों पर फैसला कल. 24 जुलाई को सुनवाई हुई थी पूरी

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Ranchi: चारा घोटाले से जुड़े कांड संख्या (आरसी 48ए/96) में डोरंडा कोषागार से 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध निकासी मामले में कल यानी सोमवार 28 अगस्त को 124 आरोपियों पर फैसला आएगा. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत इस मामले में अपना सुनाएगी. अदालत ने 24 जुलाई को सभी पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसले की तिथि निर्धारित की थी साथ ही फैसले की तिथि पर इन सभी आरोपियों को सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.इस मामले में सीबीआई की ओर से 594 गवाहों को प्रस्तुत किया गया है. डोरंडा कोषागार से यह अवैध निकासी वर्ष 1990-91 एवं 1994-95 के दरमियान फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर की गई थी.

आरोपियों में शामिल हैं 90 वर्षीय आरोपी

इन आरोपियों में से 38 लोक सेवक रहे हैं, जिनमे से आठ कोषागार पदाधिकारी है. 86 आपूर्तिकर्ता मामले में आरोपी है. आरोपियों में 16 महिलाएं भी हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आरोपियों में सबसे उम्रदराज 90 वर्षीय तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. गौरी शंकर प्रसाद भी शामिल है। हालांकि आरोपियों में 12 से अधिक ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 80 वर्ष या इससे ज्यादा है।

ये हैं 124 आरोपी

तत्कालीन लेखा पदाधिकारी एवं पशु चिकित्सक

इनमें तत्कालीन बजट व लेखा पदाधिकारी नित्यानंद कुमार सिंह के अलावा तत्कालीन पशु चिकित्सक डॉ जुनूल भेंगराज, डॉ केएम प्रसाद, डॉ राधा रमन सहाय, डॉ गौरी शंकर प्रसाद, डॉ रामेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ मनोज कुमार, डॉ अनिल कुमार सिंह, डॉ रवींद्र कुमार सिंह, डॉ फनिंद्र कुमार त्रिपाठी, डॉ कमल किशोर शरण, डॉ त्रिवेणी पासवान, डॉ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, डॉ चंद्र किशोर लाल, डॉ कामेश्वर प्रसाद यादव, डॉ मनोज कुमार सिन्हा, डॉ रमन कुमार सिन्हा, डॉ उमाकांत यादव, डॉ ओम प्रकाश सिन्हा, डॉ चंद्रशेखर सिन्हा, डॉ अजय कुमार सिंह उर्फ सिन्हा, डॉ. वेंकटेश्वर नाथ पांडेय, डॉ राम लक्ष्मण सिंह, डॉ हीरा लाल, डॉ विनोद कुमार, डॉ बिजेंद्र कुमार, डॉ. राजेंद्र कुमार, डॉ धनंजय कुमार, डॉ अनिल कुमार, डॉ विजय शंकर सिंह शामिल है।

8 कोषागार पदाधिकारी

इनमें परमेश्वर प्रसाद यादव, महेंद्र प्रसाद, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीना नाथ सहाय व साकेत बिहारी लाल शामिल है।

16 महिलाएं भी हैं आरोपी

इनमें कैलाशमणि कश्यप, निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, सैरू निशा, शोभा सिंह, जौली श्रीवास्तव, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, मंजू बाला जायसवाल, सरस्वती देवी, सरस्वती चंद्र, सुलेखा देवी, रीमा बनाइक, साधना सिंह, अपोर्निता कुंडू व मधु पाठक शामिल है।

86 आपूर्तिकर्ता

इनमें अशोक कुमार यादव, राम नंदन सिंह, डॉ बिजयेश्वरी प्रसाद सिन्हा, रवींद्र कुमार मेहरा, अजय वर्मा, सुनिल कुमार सिन्हा, अजय कुमार सिन्हा, सुधीर कुमार सिन्हा, हरीश कुमार खन्ना, राजन मेहता, अजय कुमार सिंह, रवि नंदन कुमार सिन्हा, राजेंद्र कुमार हरित, नरेश प्रसाद, अनिल कुमार, गणेश दुबे, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, दयानंद प्रसाद कश्यप, बलेदव साहू, सिद्धार्थ कुमार, शरद कुमार, आनंद मुरारी सिंह, मनीष कुमार, सुरेश दुबे, विनय कपूर, सईद, तौहिद, इकराम, हुसैन, सनाउल हक, दीपक कुमार सिंह, महेंद्र कुमार बेदी, संजय कुमार, समीर कुमार, रामा शंकर सिंह, सुरेरंद्र कुमार राय , उमेश दुबे, सुधीर कुमार शरण, अरुण कुमार वर्मा, डॉ अजित कुमार वर्मा, जगदीश प्रसाद साहू, मुनि राय, अनिल कुमार सिन्हा, सुशील कुमार सिन्हा, सूरज गांधी उर्फ सुशील गांधी, रवींद्र प्रसाद, जगमोहन लाल कक्कड़, नंद किशोर अग्रवाल, शिव दयाल मिधा, श्याम सुंद्र शर्मा, रंजीत सिन्हा, मोहिंद्र सिंह बेदी, प्रदीप कुमार चौधरी, सत्येंद्र कुमार मेहरा, जितेंद्र कुमार सिंह, प्रदीप कुमार चौधरी, सुभाशिश देब, राजीव कुमार, रामातवार शर्मा, नंद किशोर प्रसाद, राजेश महेरा, मदन मोहन पाठक, मनोज कुमार, दीपक कुमार महाजन, सतीश कुमार उर्फ विकास कुमार, सुजीत कुमार उर्फ गुल्लु, प्रदीप वशिष्ठ उर्फ प्रदीप कुमार, सूरज मल दुबे व गुलशन लाल आजमानी आदि शामिल है।

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