New Delhi: केंद्रीय सूचना प्रद्यौगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कहा है कि इंटरनेट पर उपलब्ध डीपफेक कंटेंट लोकतंत्र के लिए नया ख़तरा है और इसके लिए जल्द ही क़ानून लाया जाएगा. गुरुवार को उन्होंने डीपफेक कंटेंट के मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि कंपनियां इस तरह के मुद्दे की पहचान करने, उन्हें रिपोर्ट करने के तरीकों पर काम करने को तैयार हुई हैं.
उन्होंने कहा, “हम आज से ही इसके ड्राफ़्ट पर काम शुरू कर रहे हैं और थोड़े वक्त में ही हमारे पास डीपफ़ेक के लिए क़ानून होंगे.” “हमारी अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी. जिसमें हम आज की बैठक का फॉलोअप करेंगे. साथ ही इस बात पर भी चर्चा होगी कि ड्राफ्ट में क्या क्या जोड़ा जाए.”
डीपफे़क आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का इस्तेमाल करता है जिसके ज़रिए किसी की भी फे़क इमेज या तस्वीर बनाई जाती है. हाल ही के दिनों में रश्मिका मंदाना का एक डीपफ़ेक वीडियो सामने आया जिसने इस तकनीक के ख़तरे पर बहस एक बार फिर छेड़ दी.
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