दिल्ली शराब नीति घोटाला केस: हैदराबाद में के कविता के रिश्तेदारों के घर पर ईडी की छापेमारी

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New Delhi: दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जेल में बंद बीआरएस नेता के. कविता की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने के. कविता के रिश्तेदारों के दो ठिकानों पर छापेमारी की है. यह छापेमारी हैदराबाद में की गई है. बीआरएस नेता तो पहले से ही ईडी की हिरासत में हैं, उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है. ईडी ने के. कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया था. उनकी सात दिन की रिमांड अवधि आज यानी कि 23 मार्च को समाप्त हो रही है.

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के. कविता ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें  दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत के लिए निचली अदालत में जाने को कहा है. वहीं कोर्ट ने के. कविता की उस याचिका पर ईडी से छह सप्ताह में जवाब मांगा, जिसमें उन्होंने पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती दी है.

के. कविता की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वह जमानत याचिका दाखिल करती हैं, तो निचली अदालत जल्द सुनवाई करे. शराब नीति मामले में बीआरएस नेता के. कविता की गिरफ्तारी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि सभी के लिए एक समान नीति का पालन करना होगा और लोगों को जमानत के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य कविता (46) को ईडी ने 15 मार्च को शाम 5:20 बजे हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था. दरअसल शराब नीति घोटाला मामले में के. कविता ने ईडी के कुछ समन को नजरअंदाज कर दिया था. बार-बार तलब किए जाने के बाद भी वह पेश नहीं हुईं थीं. जिसके बाद ईडी ने शुक्रवार को उनके घर पर छापेमारी की थी. गिरफ्तारी के समय के. कविता के भाई और तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामा राव और ईडी के अधिकारियों की टीम के बीच जमकर बहस भी हुई थी.

ईडी का दावा है कि के. कविता शराब कारोबारियों की लॉबी ‘साउथ ग्रुप’ से जुड़ी हुई थीं, जो 2021-22 के लिये दिल्ली आबकारी नीति में एक बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश कर रही थी. यह नीति अब रद्द की जा चुकी है. ईडी के मुता‍बिक, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के अन्‍य नेताओं के साथ ही इस मामले में साउथ ग्रुप के सारथ रेड्डी, एम श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुंटा और के कविता शामिल थे, जिनका प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुची बाबू ने किया था.

2021-22 की यह शराब नीति थोक विक्रेताओं के लिए असाधारण रूप से 12 प्रतिशत लाभ मार्जिन और खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत लाभ मार्जिन के साथ लाई गई थी. ईडी के मुताबिक, 12 प्रतिशत मार्जिन में से 6 प्रतिशत थोक विक्रेताओं से AAP के नेताओं को रिश्वत के रूप में वापस वसूल किया जाना था.

 

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